कवासी लखमा का प्रचार करने गए उनके बेटे को ग्रामीणों ने खदेड़ा

हजारों को संख्या में किस्टाराम में ग्रामीणों ने किया विरोध कहा बाप बेटा मिलकर लूट रहे भोले भाले आदिवासियों को

कवासी लखमा का प्रचार करने गए उनके बेटे को ग्रामीणों ने खदेड़ा

कोंटा/जगदलपुर।प्रदेश में सबसे पिछड़े और अशिक्षित इलाके के रूप में जिस विधानसभा क्षेत्र की पहचान है वहां ऐसा कुछ हो रहा है जो तथाकथित रूप से विकसित ,संपन्न और शिक्षित इलाकों में भी कभी नजर नहीं आता।पांच सालों में सिर्फ एक बार वोट मांगने के नाम पर नजर आने वाले नेताओं से सवाल जवाब करने का ट्रेंड अभी छत्तीसगढ़ में नजर आना शुरू नही हुआ है लेकिन प्रदेश के अंतिम छोर पर स्थित कोंटा इलाके में अब लोग सिर्फ नेताओं से सवाल ही नहीं कर रहे बल्कि सवाल का संतोषजनक जवाब ना मिलने पर नेताओं को अपने गांवों से खदेड़ भी रहे है।ऐसी शुरुआत उस कोंटा इलाके से हुई है जो प्रदेश का सबसे पिछड़ा इलाका माना जाता है।यहां कांग्रेस के कवासी लखमा चार बार के विधायक हैं और इस बार फिर कांग्रेस की टिकिट पर चुनाव लड़ रहे हैं।कोंटा के अतिसंवेदनशील माने जाने वाले किस्टाराम इलाके में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे मंत्री कवासी लखमा के सुपुत्र हरीश लखमा जो कि सुकमा जिला पंचायत के अध्यक्ष भी हैं को ग्रामीणों ने बेइज्जत कर गांव से बाहर खदेड़ दिया।गनीमत है कि मंत्री पुत्र सुरक्षा घेरे में चल रहे थे अन्यथा कोई बड़ी अनहोनी भी वहां हो सकती थी।दरअसल इस इलाके के पालाचलमा,करिगुण्डम,पोटकपल्ली आदि पंचायत के करीब तीन हजार ग्रामीण यहां एकत्र हुए थे।वे सब स्थानीय विधायक से लंबे समय से नाराज़ चल रहे हैं।मंत्री पुत्र के चुनावी भाषण के बीच ग्रामीण अचानक क्रुद्ध हो गए और हरीश से सवाल करने लगे।ग्रामीणों ने कहा कि सुकमा जिले में सात सौ शिक्षकों की नियुक्ति की गई जिसमे दो को छोड़ कर बाकी 698 शिक्षक अन्य जिलों के निवासी हैं।ग्रामीणों ने पूछा की हमारे जिले में शिक्षित बेरोजगारों की कोई कमी थी क्या जिसकी वजह से अन्य जिलों के लोगों की भर्ती की गई है।बस्तर फाइटर के नाम से पुलिस में भर्ती को लेकर कोई नियम शर्तें नहीं है।सरकार हम आदिवासियों को आपस में लडवा कर मारना चाहती है।आराम वाली नौकरी दूसरे जिलों के लोगों को और खतरे वाली नौकरी हमारे लोगों को।अब ये सब नही चलेगा।ग्रामीणों ने शिक्षकों की भर्ती में बड़े पैमाने पर पैसे की उगाही करने का आरोप स्थानीय विधायक और उनके पुत्र पर लगाया।किसी गांव में सड़क,स्कूल,अस्पताल और आंगनबाड़ी केंद्र नही है।20 वर्षों में एक बार भी विधायक और मंत्री कवासी लखमा ने हमारे इन गांवों में झांक कर भी नहीं देखा।अब जब चुनाव सामने है तो इन्हे हमारी याद आई है और ग्रामीणों को बरगलाने को कोशिश की जा रही है।पिछले चुनाव में किए गए तमाम वादे पूरे नहीं किए गए और अब फिर से झूठे वादों के सहारे वोट मांगने के लिए गांव गांव घूम रहे हैं।विधायक कवासी लखमा का अभेद किला माने जाने वाला कोंटा इलाका बुरी तरह से उनके विरोध की आग में जल रहा है।जगह जगह बड़े मियां और छोटे मियां के नामों से मशहूर मंत्री और मंत्री पुत्र को जनता का आक्रोश झेलना पड़ रहा है।इससे पहले  छिंदगढ़ ब्लॉक के डोलेरास , पेंदलनार, पेद्दारास और अब किस्टाराम में इन्हे और इनकी टीम को भयंकर विरोध का सामना करना पड़ा है।लगातार सड़क स्कूल और अस्पताल की मांग मूलवासी बचाओ मंच द्वारा की जा रही है। वृद्धा पेंशन,वन अधिकार पट्टा,बेरोजगारी भत्ता, नल जल योजना,जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए गांव गांव में महीनों से आंदोलन किए जा रहे है लेकिन लखमा ने कभी भी इनसे मिलकर बातचीत नही की और न ही इनकी समस्याओं के निराकरण पर कोई ध्यान दिया।अब ग्रामीण भी इन्हे सबक सिखाते नजर आ रहे हैं। सोमवार को यहां पहुंचे जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश लखमा ,जनपद पंचायत कोंटा के अध्यक्ष सुन्नम नागेश,मरईगुड़ा के सरपंच हपका मारा ,किस्टाराम के सरपंच और अन्य कांग्रेस के कार्यकर्ता यहां उपस्थित थे।जहां अक्रोशित आदिवासी युवाओं का आक्रोश कांग्रेसी प्रत्याशी के लोगों को झेलना पड़ा।भारी भीड़ और भयंकर विरोध के बीच ग्रामीणों ने कवासी लखमा और उनके बेटे पर आदिवासियों को लूटने का भी आरोप लगाया।ग्रामीणों ने कहा की अब खोखले वादों के नाम पर वोट मांगने वालों को गांव में घुसने भी नहीं दिया जाएगा।