सीएम डॉ. यादव बोले- प्रदेश में गुड़ी पड़वा “सृष्टि आरंभ दिवस” के रूप में मनाया जाएगा
भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को मंत्रालय में विक्रमोत्सव-2025 और अखिल भारतीय कालिदास समारोह की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने इन आयोजनों को भव्य और सांस्कृतिक दृष्टि से…
भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को मंत्रालय में विक्रमोत्सव-2025 और अखिल भारतीय कालिदास समारोह की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने इन आयोजनों को भव्य और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाने पर जोर दिया। इसके साथ ही, उज्जैन में वीर भारत न्यास द्वारा निर्मित हो रहे संग्रहालय को एक्सपीरियंसल और एक्टिविटी बेस्ड बनाने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में गुड़ी पड़वा "सृष्टि आरंभ दिवस" के रूप में मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने विक्रमोत्सव-2025 की रूपरेखा की समीक्षा करते हुए कहा कि 30 मार्च को गुड़ी पड़वा "सृष्टि आरंभ दिवस" के रूप में पूरे प्रदेश में मनाया जाएगा। आयोजन के पहले चरण में 101 दिन से अधिक का विक्रमोत्सव उज्जैन में महाशिवरात्रि से गुड़ी पड़वा तक चलेगा, जिसमें महाकाल शिवज्योति अर्पणम, विक्रम व्यापार मेला, मंदिरों में प्रभु श्रृंगार प्रतियोगिता, अखिल भारतीय कवि सम्मेलन और अंतर्राष्ट्रीय इतिहास समागम जैसे प्रमुख कार्यक्रम होंगे। मुख्यमंत्री ने आयोजन की ब्रांडिंग और प्रचार पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता जताई और कहा कि विक्रमोत्सव के दौरान महाकालेश्वर के महत्त्व को उजागर किया जाए। इसके दूसरे चरण में जल गंगा संवर्धन अभियान चलेगा, जिसमें प्रदेश की नदियों और जल संरचनाओं के संरक्षण का कार्य किया जाएगा। इसका समापन गंगा दशहरा पर विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ होगा।
कालिदास सम्मान समारोह की पुरस्कार राशि में होगी वृद्धि
मुख्यमंत्री ने कालिदास संस्कृत अकादमी की केंद्रीय समिति की बैठक में अखिल भारतीय कालिदास समारोह की तैयारियों पर भी चर्चा की। उन्होंने निर्देश दिए कि समारोह में दी जाने वाली पुरस्कार राशि में वृद्धि की जाए। कालिदास से जुड़े स्थलों पर शिलालेख और जानकारी बोर्ड लगाने के भी निर्देश दिए गए। कालिदास समारोह 12 से 18 नवंबर तक उज्जैन में आयोजित होगा और इसकी शुरुआत 10 नवंबर को गढ़कालिका मंदिर में वागअर्चन से होगी।
वीर भारत न्यास संग्रहालय निर्माण पर सुझाव देने बनेगी समिति
वीर भारत न्यास की बैठक में मुख्यमंत्री ने उज्जैन में निर्माणाधीन संग्रहालय को अनुभवात्मक और गतिविधि-आधारित संग्रहालय बनाने की दिशा में काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नवीन तकनीकों का उपयोग कर संग्रहालय को ऐसा बनाया जाए कि वह युवाओं को आकर्षित करे और पर्यटन का केंद्र बने। संग्रहालय के कंटेंट निर्माण पर सुझाव देने के लिए एक समिति गठित करने का भी सुझाव दिया गया।