अब श्रीअन्न उत्पादन में भी प्रदेश मार रहा है बाजी
भोपाल । मप्र ऐसा राज्य बन चुका है, जहां पर श्री अन्न उत्पादन में लगातार वृद्धि हो रहा है। यही वजह है कि प्रदेश उन राज्यों में शीर्ष पर पहुंच…
भोपाल । मप्र ऐसा राज्य बन चुका है, जहां पर श्री अन्न उत्पादन में लगातार वृद्धि हो रहा है। यही वजह है कि प्रदेश उन राज्यों में शीर्ष पर पहुंच गया है, जहां पर तेजी से श्री अन्न उत्पादन में वृद्धि हो रही है। राज्य सरकार के प्रयासों और किसानों के परिश्रम से मिलेट्स के रकबे में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2020-21 में जहां इसका रकबा 67 हजार हेक्टेयर था, वह वर्ष 2023-24 में बढकऱ 1.35 लाख हेक्टेयर रिकॉर्ड किया गया है। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने श्री अन्न उगाने वाले किसानों को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की संयुक्त राष्ट्र संघ में की गई पहल से वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष के रूप में मनाया गया।
प्रधानमंत्री मोदी की अभिनव पहल से श्रीअन्न के उत्पादन के क्षेत्र में देश और प्रदेश को नई दिशा मिली है। कृषि क्षेत्र में की गई पहल के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आभार माना है। उन्होंने कहा कि किसानों की परिश्रम से आज प्रदेश में श्रीअन्न का रकबा पिछले 3 साल में बढकऱ दोगुना हो गया है। मध्यप्रदेश में श्रीअन्न (मिलेट) के उत्पादन और उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिये अभूतपूर्व प्रयास किए जा रहे हैं। इसके सकारात्मक परिणाम भी आ रहे हैं।
मिलेट्स की खेती खरीफ ऋतु में
प्रदेश में मिलेट फसले जैसे कोदो कुटकी, ज्वार-बाजरा रागी आदि किसानों द्वारा उरुई जाती है। इनमें कोदो -कुटकी की खेती मुख्य रूप से अनुसूचित जनजाति बहुल क्षेत्रों जैसे मडला डिंडौरी शहडोल, अनूपपुर, उमरिया, छिन्दवाड़ा आदि जिलो ंमें की जाती है। रागी की खेती प्रदेश में डिण्डोरी, मण्डला और जबलपुर में व्यापक तौर पर की जाती है। प्रदेश के खरगौन, खण्डवा, बड़वानी, छिंदवाड़ा, बैतूल,राजगढ़ और गुना जिले में ज्वार की खेती होती है। प्रदेश में बाजरे की खेती मुख्य रूप से मालवा क्षेत्र में होती है। मिलेट्स की खेती मुख्यत: खरीफ ऋतु में की जाती है।
प्रोत्साहन के लिए मप्र राज्य मिलेट मिशन
मिलेट्स के प्रोत्साहन के लिये वर्ष 2023-24 में कप राज्य मिलेट मिशन की ओर से बीज वितरण, कृषक प्रशिक्षण, कृषक अध्ययन भ्रमण, सेमिनार एवं कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। इसके अतिरिक्त प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर फूड फेस्टिवाल रोड-शो इत्यादि से मिलेट्स का प्रचार- प्रसर किया गया। इतना ही नहीं इंदौर में आयोजित एवं प्रवासी भारतीय दिवस एवं इन्वेस्टर्स समिट में श्री अन्न आधारित उत्पादों की ब्रांडिग की गई। भोपाल में हुए जी-20 (कृषि वर्किंग ग्रुप) सम्मेलन में श्री अन्न आधारित प्रदर्शनी लगाई गई थी। मिलेट्स को प्रोत्साहित करने के लिए मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम के सहयोग से निगम के समी होटल्स में मिलेट व्यंजन परोसे जा रहे हैं। सभी आउटलेट में मिलेट को ब्रॉण्डिग भी की जा रही है।
श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना होगी लागू
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने श्री अन्न उत्पादक किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए ऐतिहासिक फैसला लेते हुए राती दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना को लागू करने का फैसला किया है। मध्यप्रदेश में श्री अन्न के विस्तार के लिए निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। साथ ही मप्र राज्य मिलेट्स मिशन संचालित है। प्रदेश में श्री अन्न प्रोत्साहन कंसोर्टियम ऑफ फॉर्मर प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड के बाग से मिलेट फेडरेशन का पंजीयन कराया गया है। प्रदेश में वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष के रूप में व्यापक तौर पर मनाया गया। मिलेट्स के उत्पादन और उपयोग के प्रोत्साहन के लिये कार्यक्रम किए जा रहे है।