कलयुग को लेकर विष्णु पुराण में लिखी हैं ये 4 भविष्यवाणियां, आपको जानना है जरूरी, दुनिया में मचा रहीं तहलका
आपका दिन कैसा होगा? आपका सप्ताह कैसा होगा? यह महीना कैसे गुजरेगा? सालभर में क्या अच्छी और बुरी घटनाएं होंगे यहां तक कि आपका जीवन किस तरह का होगा? यह…
आपका दिन कैसा होगा? आपका सप्ताह कैसा होगा? यह महीना कैसे गुजरेगा? सालभर में क्या अच्छी और बुरी घटनाएं होंगे यहां तक कि आपका जीवन किस तरह का होगा? यह सब आप ज्योतिष शास्त्र के माध्यम से जानते हैं. लेकिन यह दुनिया किस तरह बदलेगी? इस दुनिया में मानवता किस तरह खत्म होने लगेगी और किन चीजों का मोह बढ़ने लगेगा? ऐसी तमाम चीजों की भविष्यवाणी विष्णु पुराण में कलयुग को लेकर की गई हैं. आइए जानते हैं ऐसी 4 भविष्यवाणियों के बारे में भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.
1. धन देखकर रिश्ते बनेंगे
कलियुग को लेकर विष्णु पुराण में की गई भविष्यवाणी के अनुसार, कलयुग में रिश्त-नाते धन देखकर बनेंगे. इसका सीधा मतलब यह कि यहां व्यवहार या चरित्र से अधिक धन देखकर मित्रता होगी और धन देखकर ही सम्मान मिलेगा. वहीं धन के साथ ही मनुष्य का अहंकार भी काफी बढ़ेगा.
2. घर बनाने में खर्च होगा धन
विष्णु पुराण की भविष्यवाणी में कहा गया है कि, कलयुग में मनुष्य धन संचय करने में लगा रहेगा और इसके लिए कुछ भी करने से गुरेज नहीं करेगा. उसकी हर बात पैसों से जुड़ी होगी और जो धन संचय करेगा उसका अधिकांश उपयोग घर बनाने में ही होगा. वहीं इस युग में घर बनाने वालों के पास अपने घर नहीं होंगे, लेकिन कम मेहनत करने वाले लोग महलों में रहेंगे.
3. लगातार बढ़ेंगे जघन्य अपराध
विष्णु पुराण की भविष्यवाणी में कहा गया है जब कलयुग आएगा तो अपराधों की संख्या निरंतर बढ़ेगी. इस काल में चोरी, लूटपाथ, हत्या और महिला अपराधों बढ़ने से अशांति का वातावरण बनेगा. यहां उल्लेख किया है कि एक समय में मनुष्य छोटी-छोटी बातों पर एक दूसरे की हत्या करने लगेगा. यह वो समय होगा जब अपराधनी बिना डरे घूमने लगेंगे.
4. प्राकृतिक मृत्यु से ज्यादा अकाल मृत्यु होंगी
विष्णु पुराण की भविष्यवाणी के अनुसार, कलयुग में मौसम तेजी से अपना रुख बदलेगा, तेज बारिश से बाढ़ जैसे हालात बनेंगे तो सूखे की बारी भी आएगी. इस काल में बीमारियों का प्रकोप बढ़ने के साथ ही महामारी और दुर्घटनाएं भी तेजी से बढ़ सकती है. ऐसे में कलयुग में मनुष्य प्राकृतिक रूप से कम और अकारण अधिक मृत्यु को प्राप्त हो सकते हैं.