इंदौर के नाम एक और उपलब्धि दर्ज, राष्ट्रपति के हाथों मिला बेस्ट डिस्ट्रिक अवार्ड

इंदौर ।   पांचवें नेशनल वाटर अवार्ड में इंदौर जिला वेस्ट जोन में बेस्ट डिस्ट्रिक कैटेगरी में नंबर वन आया है। मंगलवार का दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रोपदी…

इंदौर के नाम एक और उपलब्धि दर्ज, राष्ट्रपति के हाथों मिला बेस्ट डिस्ट्रिक अवार्ड

इंदौर ।   पांचवें नेशनल वाटर अवार्ड में इंदौर जिला वेस्ट जोन में बेस्ट डिस्ट्रिक कैटेगरी में नंबर वन आया है। मंगलवार का दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने कलेक्टर आशीष सिंह और निगमायुक्त शिवम वर्मा को अवार्ड से सम्मानित किया। नदी विकास व गंगा संरक्षण विभाग ने मंगलवार को अलग-अलग श्रेणियों में 30 से ज्यादा अवार्ड बांटे। देश के अलग अलग प्रदेशों, निकायों, जिले व अन्य श्रेणियों में अवार्ड दिए गए। इंदौर जिले के लिए जिला पंचायत की तरफ से जलसंवर्धन, जल पुर्नभरण और नदियों के कैचमेंट एरिया के लिए किए गए कामों के आधार पर प्रविष्ठी भेजी गई थी। विभाग ने इंदौर जिले के कामों को पश्चिम जोन में सबसे बेहतर पाया और पुरस्कार के लिए चुना। इंदौर को दस में से दस अंक दिए गए। जल सरंक्षण के लिए किए गए कामों को परखने के लिए दिल्ली से जो टीम आई थी। उन्हें गर्मी के समय भी बोरिंग सूखे नहीं दिखे और नदियों में भरपूर पानी मिला। कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि जनभागीदारी से यह काम संभव हो पाया है। जलसरंक्षण की दिशा में लगातार इंदौर जिले में काम जारी रहेंगे।

इसलिए इंदौर जिला रहा आगे

इंदौर से निकलने वाली नदियों पर छोटे-छोटे स्टाॅप डेम बनाए गए। इससे नदियों में वर्षभर पानी रहता है और किसान भी उससे खेतों की सिंचाई करते है। इसके अलावा इंदौर में 300 से ज्यादा हेक्टेयर में ड्रिप इरिगेशन को बढ़ावा दिया गया। नगर निगम सीमा क्षेत्र में एक लाख से ज्यादा आवासों में छत से सीधे जमीन में पानी उतारा जाता है। जिले के अमृत सरोवरों को अतिक्रमण मुक्त किया गया। उनकी चैनलों को साफ किया गया। मेंहदी कुंड, पातालापानी झरनों की अप स्ट्रीप में वाटरशेण का विकास किया गया। झरने वर्षाकाल के बाद भी बहते रहे, इसके लिए प्रबंध किए गए।