महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: कांग्रेस-105, उद्धव-95 और शरद पवार 84 सीट पर लड़ेंगे चुनाव

मुंबई। महाराष्ट्र में विपक्षी महा विकास आघाडी गठबंधन में सीट बंटवारे पर चला आ रहा गतिरोध अब खत्म हो गया है। एमवीए के शीर्ष नेताओं ने मंगलवार देर रात तक…

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: कांग्रेस-105, उद्धव-95 और शरद पवार 84 सीट पर लड़ेंगे चुनाव

मुंबई। महाराष्ट्र में विपक्षी महा विकास आघाडी गठबंधन में सीट बंटवारे पर चला आ रहा गतिरोध अब खत्म हो गया है। एमवीए के शीर्ष नेताओं ने मंगलवार देर रात तक मुंबई में बैठक की और इस बाबत संकेत दिए कि विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया गया है। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि जल्द सीट बंटवारे की घोषणा की जाएगी।  रिपोर्ट में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता हाले से कहा गया है कि 288 सदस्यों वाली विधानसभा के लिए कांग्रेस-105, शिवसेना (यूबीटी)-95 और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) 84 सीट पर चुनाव लड़ेगी। बाकी सीटें गठबंधन में शामिल छोटी पार्टियों को दी जाएंगी।

दूसरी तरफ सत्ताधारी महायुति के बीच भी सीट बंटवारा अंतिम चरण में है। माना जा रहा है कि भाजपा 150 से 155 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, सीएम एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना 78-80 और अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी 52-54 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं। 20 नवंबर को एक ही चरण में पूरे राज्य में चुनाव होने हैं। 23 नवंबर को वोटों की गिनती होगी।सीट बंटवारे पर महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले और शिवसेना (यूबीटी)सांसद संजय राउत के बीच मनमुटाव होने के बाद प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोराट ने मंगलवार को पहले एनसीपी शरदचंद्र पवार) अध्यक्ष शरद पवार और फिर शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी। बाद में, थोराट और एमवीए के अन्य नेताओं ने फिर से बैठक की, जो एक लक्जरी होटल में पांच घंटे से अधिक समय तक चली।

थोराट ने कहा कि एआईसीसी के महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्निथला ने उन्हें पवार और ठाकरे से मिलने के लिए कहा था। वरिष्ठ कांग्रेस नेता के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि मुंबई शहरी क्षेत्र में उद्धव की शिवसेना 18 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि कांग्रेस 14 और एनसीपी (एसपी) 2 सीटों पर ताल ठोकेगी। हालांकि, मुंबई की तीन सीटों – वर्सोवा, बांद्रा ईस्ट और बायकुला – पर विवाद अभी तक नहीं सुलझा है क्योंकि उद्धव गुट और कांग्रेस दोनों ने ही इन पर दावा पेश किया है।