आरोपी को आईसीयू में भर्ती के दौरान हथकड़ी…..सातवें आसमान पर सुप्रीम कोर्ट का पारा 

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने धोखाधड़ी मामले में आरोपी को आईसीयू में भर्ती के दौरान हाथ में हथकड़ी और जंजीर से बेड में बांधने की घटना को बेहद गंभीरता…

आरोपी को आईसीयू में भर्ती के दौरान हथकड़ी…..सातवें आसमान पर सुप्रीम कोर्ट का पारा 

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने धोखाधड़ी मामले में आरोपी को आईसीयू में भर्ती के दौरान हाथ में हथकड़ी और जंजीर से बेड में बांधने की घटना को बेहद गंभीरता से लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए हरियाणा की सैनी सरकार को जमकर फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार की ओर से पेश एडिशनल एडवोकेट जनरल से जवाब मांगा। कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा गया कि जब वह आईसीयू में था तब उसके हाथों में हथकड़ी थी।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएस ओका की अगुवाई वाली बेंच में आरोपी विहान कुमार की ओर से अर्जी दाखिल कर अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी गई। याचिकाकर्ता ने मामले में पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी याचिकाकर्ता ने अपनी अर्जी में दावा किया कि जब रोहतक के पीजीआईएमएस में भर्ती किया गया था, तब आईसीयू के बेड से चेन के द्वारा बांधा गया था। इस दौरान उसके हाथों में भी हथकड़ी लगाई गई थी।
अदालत ने मामले की सुनवाई के दौरान 4 अक्टूबर को अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट को निर्देश दिया था कि वह मामले में हलफनामा दायर कर मामले की जानकारी दें। मेडिकल सुपरिंटेंडेंट पीजीआईएमएस की ओर से 19 अक्टूबर को हलफनामा पेश किया, जिसमें हथकड़ी की बात स्वीकारी गई।

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने सुनवाई कर अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट से कहा है कि वह अडिशनल हलफनामा पेश करें। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि आरोपी को सफदरजंग अस्पताल के मेडिकल बोर्ड द्वारा परीक्षण करे और उसके हेल्थ कंडिशन के बारे में रिपोर्ट पेश करें। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में गुरुवार तक रिपोर्ट मांगी है और अगली सुनवाई के लिए शुक्रवार की तारीख तय की है। कोर्ट ने कहा है कि वह जानना चाहता है कि कौन से ऑफिसर इसके लिए जिम्मेदार थे। वहीं एजी दीपक ठुकराल ने कहा कि आरोपी की हथकड़ी उस वक्त हटा दी जाती थी, जब उन्हें यूरिन आदि के लिए जाना होता था।

याचिकाकर्ता का कहना है कि गुड़गांव के ऑफिस से 10 जून 2024 को हिरासत में लिया गया। आरोपी ने गिरफ्तारी की वैधता को चुनौती देकर कहा है कि उन्हें कस्टडी में लिए जाने के 24 घंटे के भीतर मैजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश नहीं किया गया।