आईएएस अधिकारी ने जूनापारा में 75 बैगा आदिवासियों से मुलाकात कर सुनी उनकी समस्याएं

तखतपुर राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र आदिवासी बैगा परिवार कुछ समय पहले राष्ट्रपति से मुलाकात करने दिल्ली गए हुए थे, जहां अपनी समस्याएं गिनाई थी. इस खबर से संज्ञान लेते हुए…

आईएएस अधिकारी ने जूनापारा में 75 बैगा आदिवासियों से मुलाकात कर सुनी उनकी समस्याएं

तखतपुर

राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र आदिवासी बैगा परिवार कुछ समय पहले राष्ट्रपति से मुलाकात करने दिल्ली गए हुए थे, जहां अपनी समस्याएं गिनाई थी. इस खबर से संज्ञान लेते हुए और अपनी सूझबूझ से बिलासपुर जिले के तखतपुर जनपद पंचायत के सीईओ प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी तन्मय खन्ना ने ग्राम पंचायत जूनापारा में 75 बैगा आदिवासियों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनी और जल्द समाधान करने का आश्वासन दिया. इस गांव में बैगा आदिवासी परिवारों का जाति प्रमाणपत्र नहीं बना है. कलेक्टर ने जल्द जाति प्रमाणपत्र दिलाने की बात भी कही. बता दें कि पहली बार कोई आईएएस अधिकारी जूनापारा पहुंचकर आदिवासी बैग परिवार की समस्याएं सुनी है.

आईएएस तन्मय खन्ना ने जूनापारा पहुंचकर अपनी विशेष पहल की शुरुआत की है. पहली बार अपने गांव में आईएएस अधिकारी को देखकर बैगा आदिवासियों के चेहरे पर रौनक दिखी. आईएएस खन्ना ने आदिवासियों की समस्याएं सुनी. इस दौरान बैगा आदिवासी ग्रामीणों के माथे की सिकंद और आंखों में नम आंसू को देखकर सिहर उठे और सभी से परिवार की भांति एक दूसरे से वन टू वन बातचीत की. बता दें कि जूनापारा गांव में आदिवासियों का कुनबा पिछले एक दशक से जाति प्रमाण पत्र, सड़क, पानी और कई मूलभूत समस्याओं से जूझ रहा है. इसकी जानकारी होने पर तन्मय खन्ना ने अपने आप को खुद नहीं रोक सके और सीधे उनकी समस्याएं सुनने के लिए गांव पहुंचकर चौपाल लगाई. वहां के लोगों से मिलकर उनकी मूलभूत समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया. खन्ना ने उन्हें भरोसा दिलाया कि बिलासपुर कलेक्टर अवनीश कुमार शरण से बातचीत जल्द मूलभूत सुविधाओं दिलाएंगे.

ग्रामीणों ने अच्छे दिन आने की जताई उम्मीद
कुछ लोग जाति प्रमाण पत्र, आवास, सड़क, पानी आदि समस्याओं को लेकर अपने हाथों में शिकायत पत्र लेकर खड़े हुए थे लेकिन अधिकारी को देखकर सभी चुप हो गए. ग्रामीणों का कहना है कि समस्या कब हल होगी यह हमें पता नहीं, लेकिन अधिकारी हमारे गांव पहुंचे हैं, यह इस बात का विश्वास दिलाती है कि अब हमें शिकायत की जरूरत नहीं है. उम्मीद है कि जल्द अच्छे दिन आने वाले हैं. गांव पहुंचने के लिए बैगा आदिवासी परिवार ने आईएएस अधिकारी को धन्यवाद दिया.