छत्तीसगढ़-मुंगेली के स्कूल में छात्र को जहरीले जीव के काटा, इलाज के दौरान मासूम की मौत से मचा हड़कंप
मुंगेली। बिलासपुर के सिम्स में उपचार के दौरान चौथी कक्षा के एक छात्र की मौत हो गई। यह छात्र मुंगेली जिले के सरगांव क्षेत्र के धमनी स्कूल में चौथी कक्षा…
मुंगेली।
बिलासपुर के सिम्स में उपचार के दौरान चौथी कक्षा के एक छात्र की मौत हो गई। यह छात्र मुंगेली जिले के सरगांव क्षेत्र के धमनी स्कूल में चौथी कक्षा का छात्र निखिल साहू था, जो शनिवार को स्कूल जाने के लिए घर से निकला था। इस दौरान अज्ञात जहरीली जंतु ने उसे काट लिया। इसके बाद स्कूल के शिक्षकों ने पहले तो स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार के लिए दाखिल कराया, लेकिन तबियत बिगड़ते देख सिम्स बिलासपुर में भर्ती कराया गया, जहाँ उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
बताया जा रहा है कि बिच्छू के काटने से बच्चे की मौत हुई है, लेकिन ग्रामीण सर्पदंश से मौत का आरोप लगा रहे हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। लल्लूराम डॉट कॉम को मिली जानकारी के मुताबिक, शनिवार सुबह लगभग 8:50 बजे शासकीय प्राथमिक शाला धमनी में छात्र निखिल साहू (उम्र 10 साल) कक्षा 4 में रोते हुए बैठा था। इसकी जानकारी बच्चों ने प्रधानपाठक संगीता भारद्वाज को दी। प्रधानपाठक ने बच्चे के पास जाकर पूछा कि क्या हुआ है, तो निखिल साहू ने बताया कि उसे बिच्छू ने काटा है। उस समय निखिल को पसीना आ रहा था और वह रो रहा था। इसकी जानकारी प्रधानपाठक ने स्कूल समन्वयक मोहन लहरी को 8:55 में दी कि बच्चे को बिच्छू ने काटा है। तब प्रधानपाठक ने शिक्षक छन्नूराम भारद्वाज व गांव के भाजपा कार्यकर्ता राज कुमार कौंशिक के साथ मिलकर उसे अस्पताल पहुँचाया। हालांकि यह कहा जा रहा है कि स्कूल में न तो बिच्छू और न ही सांप मिला है, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि किस जहरीली जंतु के काटने से मौत हुई है।
सिम्स में उपचार के दौरान तोड़ा दम
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरगांव में डॉ. टोप्पो को बच्चे के विषय में जानकारी दी गई और बच्चे के आते ही उसे एंटीवेनम इंजेक्शन देकर 108 से सिम्स बिलासपुर रेफर किया गया। इस दौरान छात्र अपने होश-हवास में था। साथ में एंबुलेंस में शिक्षक राजकुमार कौशिक और बच्चे के चाचा मौजूद थे। इसके बाद संजीवनी 108 एम्बूलेंस से बच्चे को सिम्स रेफर किया गया। जहां उपचार के दौरान दोपहर 1:30 बजे के आसपास डॉक्टर ने परिजनों को बुलाकर बच्चे की मौत की सूचना दी और बताया कि उसे बचाने की पूरी कोशिश की गई, लेकिन जहर के कारण उसके फेफड़ों की नस में पानी भरने के कारण उसे नहीं बचाया जा सका।
मौत की वजह नहीं पता – डीईओ
इस मामले को लेकर जब डीईओ सीके धृतलहरे से बातचीत की गई, तब उन्होंने कहा कि धमनी में बच्चे की मौत की जानकारी मिली है, लेकिन कैसे, क्यों, और किस वजह से उनकी मौत हुई है, इसको लेकर उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि पीएम रिपोर्ट के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
कलेक्टर ने क्या कहा ?
बच्चे के शव का श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया जा चुका है। प्रशासनिक अमले से उसके परिजनों से बात भी हुई है। शिक्षा विभाग की तरफ से अंतिम संस्कार कार्य के लिए 11 हजार रुपये की राशि सहयोग के रूप में दी गई है। इधर कलेक्टर राहुल देव ने कहा है कि राजस्व विभाग से मिलने वाली सहायता बिसरा रिपोर्ट आने के पश्चात शीघ्र ही 4 लाख रुपये की राशि दी जाएगी। वही इस घटना को लेकर कलेक्टर ने संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी। यदि इसमें कोई भी अधिकारी या कर्मचारी की लापरवाही पाई जाती है तो दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
घटना के लिए जिम्मेदार कौन ?
इधर इस घटना की जैसे ही परिजनों एवं ग्रामीणों को जानकारी हुई, स्कूल के शिक्षकों पर लापरवाही का आरोप लगाने लगे। ग्रामीणों का आरोप था कि स्कूल में उचित सफाई नहीं होने और स्कूल की जर्जर अवस्था के कारण यह घटना हुई है। हालांकि यह जांच का विषय है। यदि स्कूल की जर्जरता की वजह से ऐसी स्थिति निर्मित हुई होगी, तो स्कूल जतन योजना के कार्यों पर एक बार फिर सवाल उठ रहा है। वही अब भी मृतक बालक के परिजन एवं ग्रामीण आवाज बुलंद कर रहे हैं कि इस घटना के लिए आखिर जिम्मेदार कौन है? और क्या दोषियों पर कार्रवाई होगी ? यह बड़ा सवाल है।