‘DGP रश्मि शुक्ला को पद से हटाने की मांग’, कांग्रेस ने EC को भेजा पत्र

Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के ऐलान के बाद से सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव-प्रचार में जोरों से जुट गई है. इस बीच डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर राजनीति…

‘DGP रश्मि शुक्ला को पद से हटाने की मांग’, कांग्रेस ने EC को भेजा पत्र

Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के ऐलान के बाद से सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव-प्रचार में जोरों से जुट गई है. इस बीच डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर राजनीति गरमाती दिख रही है. जहां एक बार फिर कांग्रेस ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर महाराष्ट्र की डीजीपी रश्मि शुक्ला को महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के पद से हटाने की मांग की है. बता दें कि, इससे पहले भी कांग्रेस ने इसी तरह का पत्र चुनाव आयोग को भेजा था. जिसमें कांग्रेस ने चुनाव आयोग से महाराष्ट्र की डीजीपी रश्मि शुक्ला की राजनीति से प्रेरित नियुक्ति और उन्हें दिए गए सेवा विस्तार की समीक्षा का आग्रह किया था.कांग्रेस के चुनाव आयोग के भेजे पत्र में लिखा था कि इससे महाराष्ट्र की डीजीपी रश्मि शुक्ला के कारण निर्वाचन प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है. हालांकि, महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले द्वारा यह तीसरा पत्र है. अपने पिछले पत्र में पटोले ने शुक्ला को तत्काल हटाने की मांग की थी, ताकि विधानसभा चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से कराए जा सकें.

जानिए नाना पटोले ने अपने पत्र में इससे पहले क्या लिखा था?
आपको बता दें कि, इससे पहले महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा था कि सूबे की डीजीपी रश्मि शुक्ला को दिया गया दो साल का विस्तार महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम का साफ तौर पर उल्लंघन है. दरअसल, रश्मि शुक्ला को जनवरी 2024 में पुलिस महानिदेशक के पद पर नियुक्त किया गया था. हालांकि, कांग्रेस के अनुसार शुक्ला को 30 जून 2024 को सेवानिवृत्ति की उम्र पूरी करने पर रिटायरमेंट लेना था. मगर, महाराष्ट्र की महायुति सरकार ने उन्हें अवैध तरीके से जनवरी 2026 तक सेवा विस्तार दिया गया है.

चुनाव पर DGP शुक्ला को सेवा विस्तार पर उठे सवाल
महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले कहा कि आगामी (विधानसभा) चुनाव के इतने करीब शुक्ला को सेवा विस्तार दिया जाना शक के हालात पैदा करता है. विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि यह फैसला राजनीति से प्रेरित है, जोकि, चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है.