हरियाणा वाला फार्मूला महाराष्ट्र में दिखेगा, संघ आयोजित करेगा तीन लाख बैठकें

नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने जमीन स्तर जो काम किया था उसके परिणाम स्वरुप ही राज्य में भाजपा की सरकार बन पाई थी। यही…

हरियाणा वाला फार्मूला महाराष्ट्र में दिखेगा, संघ आयोजित करेगा तीन लाख बैठकें

नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने जमीन स्तर जो काम किया था उसके परिणाम स्वरुप ही राज्य में भाजपा की सरकार बन पाई थी। यही रणनीति महाराष्ट्र में भी अपनाई जाएगी। महाराष्ट्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने राज्य में बड़े पैमाने पर जनसंपर्क कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है। जिस तरह हरियाणा विधानसभा चुनाव में संघ ने पर्दे के पीछे से अहम भूमिका निभाई थी, उसी तर्ज पर महाराष्ट्र में भी वोटरों को भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन के पक्ष में करने के लिए बड़े पैमाने पर यह कार्यक्रम चलाया जाएगा। राज्य भर में 300,000 से अधिक छोटी बैठकें आयोजित करने वाला है। इस रणनीतिक बदलाव के तहत आरएसएस एक सुव्यवस्थित मशीनरी के रूप में काम करेगा, जो जनमत को प्रभावित करने और चुनावी परिदृश्य को आकार देने के लिए अपने विशाल नेटवर्क का लाभ उठाएगा।  

संविधान सम्मान
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) संविधान सम्मान नामक एक विशाल अभियान शुरू करने जा रहा है। इसे कांग्रेस पार्टी के संविधान बचाओ अभियान के जवाब के रूप में देखा जा रहा है। आरएसएस के इस अभियान का उद्देश्य यह उजागर करना है कि कैसे कांग्रेस पार्टी ने कथित तौर पर बार-बार संविधान का अपमान किया है, साथ ही समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के खिलाफ़ जाकर बाधाए भी पैदा की हैं। आरएसएस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कांग्रेस पार्टी की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा, जब आप संविधान के मूल के खिलाफ़ जा रहे हैं तो आप संविधान को बचाने की बात कैसे कर सकते हैं? 

लोकमत परिष्कर
यह लोकतंत्र को मजबूत करने पर केंद्रित एक अभियान होगा। इसमें आरएसएस द्वारा उम्मीदवारों के अच्छे और बुरे पहलुओं को उजागर किया जाएगा और विभिन्न राजनीतिक दलों के घोषणापत्रों पर चर्चा की जाएगी।

50 हजार से अधिक बैठकें
सजग बनो एक बैठकों की एक सीरीज है, जिसमें आरएसएस लोगों से वोट डालने से पहले सावधानी से सोचने का आग्रह करेगा, लोकतंत्र की पवित्रता बनाए रखने के महत्व पर जोर देगा। हरियाणा में अपनी सफलता को दोहराने के लिए, आरएसएस ने महाराष्ट्र में अपने स्वयंसेवकों के माध्यम से 50,000 से अधिक छोटी बैठकें और जनसंपर्क प्रयास शुरू कर दिए हैं।