सत्ता में आए तो झारखंड में लागू होगा यूसीसी : अमित शाह
रांची । अगर झारखंड में भाजपा की सरकार बनती है तो राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू की जाएगी। हालांकि, आदिवासियों को यूसीसी के दायरे से बाहर रखा जाएगा। यह…
रांची । अगर झारखंड में भाजपा की सरकार बनती है तो राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू की जाएगी। हालांकि, आदिवासियों को यूसीसी के दायरे से बाहर रखा जाएगा। यह बात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कही। शाह ने कहा कि अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर होने वाले लोगों के लिए एक विस्थापन आयोग बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके जरिए उद्योगों और खनन के कारण विस्थापित लोगों को बसाने के इंतजाम सुनिश्चित किए जाएंगे। हमारी सरकार राज्य में समान नागरिक संहिता लाएगी, लेकिन आदिवासियों को इससे बाहर रखा जाएगा। हेमंत सोरेन और झामुमो सरकार यूसीसी को लेकर झूठ फैला रहे हैं कि इससे आदिवासियों के अधिकारों, संस्कृति पर असर पड़ेगा, जो कि पूरी तरह निराधार है। आदिवासी पूरी तरह से इसके दायरे से ही बाहर रहेंगे। शाह ने वादा किया कि अगर भाजपा झारखंड में सरकार बनाती है तो वह सरना धार्मिक कोड के मुद्दे पर भी विचार करेंगे और इस पर जरूरी फैसला लिया जाएगा। शाह ने कहा कि भाजपा सत्ता में आने पर 5 लाख रोजगार पैदा करेगी। इनमें 2.87 लाख सरकारी नौकरी होंगी।
शाह के बयान पर सियासत तेज, हेमंत सोरेन बोले- राज्य में लागू नहीं होगा यूसीसी
झारखंड विधानसभा चुनावों में यूसीसी का मुद्दा गरमा गया है। झारखंड में समान नागरिक सहिंता (यूसीसी) लागू करने की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की घोषणा करने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पलटवार करते हुए कहा कि राज्य में न तो यूसीसी और न ही राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लागू की जाएगी। गढ़वा में एक रैली में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रविवार को जोर देकर कहा कि यहां न तो समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी और न ही एनआरसी। झारखंड पूरी तरह से छोटानागपुर काश्तकारी और संथाल परगना काश्तकारी अधिनियमों का पालन करेगा। ये लोग (भाजपा नेता) जहर उगल रहे हैं और उन्हें आदिवासियों, मूल निवासियों, दलितों या पिछड़े समुदायों की कोई परवाह नहीं है। हेमंत सोरेन ने शाह की इस टिप्पणी पर भी तीखा हमला बोला कि दो चरणों में चुनाव होना इस बात का प्रमाण है कि नक्सलवाद पर अंकुश लगा दिया गया है, जबकि पहले चुनाव पांच चरण में होते थे। सोरेन ने भाजपा पर उनकी सरकार को कमजोर करने का आरोप लगाया और कहा, केंद्र ने कोयला कंपनियों द्वारा खनन के लिए राज्य को 1.36 लाख करोड़ रुपये का कोयला बकाया अभी तक नहीं चुकाया है।