पहली बार यूजीसी नेट परीक्षा में आयुर्वेद को किया जाएगा शामिल, आयुर्वेद की ओर आकर्षित होंगे छात्र

भोपाल: आयुर्वेद के प्रति छात्रों को आकर्षित करने के उद्देश्य से पहली बार आयुर्वेद जीवविज्ञान को यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा) में एक विषय के रूप में…

पहली बार यूजीसी नेट परीक्षा में आयुर्वेद को किया जाएगा शामिल, आयुर्वेद की ओर आकर्षित होंगे छात्र

भोपाल: आयुर्वेद के प्रति छात्रों को आकर्षित करने के उद्देश्य से पहली बार आयुर्वेद जीवविज्ञान को यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा) में एक विषय के रूप में शामिल किया गया है। गौरतलब है कि राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी के माध्यम से आयोजित की जाती है। यह परीक्षा एनटीए द्वारा वर्ष में दो बार जून और दिसंबर में आयोजित की जाती है। 

ऐसा पहली बार हो रहा है, जब आयुर्वेद जीवविज्ञान को राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा यानी नेट में शामिल किया जाएगा। इसकी आगामी परीक्षा दिसंबर 2024 में आयोजित की जाएगी।

शोध और नवाचार को मिलेगा बढ़ावा

इस पहल से न केवल छात्र आयुर्वेद और इससे जुड़े विषयों के प्रति आकर्षित होंगे, बल्कि शोध और नवाचार को भी बढ़ावा मिलेगा। यूजीसी नेट परीक्षा पास करने वाले छात्रों को विभिन्न शोध संस्थानों से शोध करने और विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में आयुर्वेद जीवविज्ञान पढ़ाने के अवसर मिलेंगे, साथ ही यूजीसी के इस कदम से आयुर्वेदिक दवा निर्माता कंपनियों, आयुर्वेदिक अस्पतालों और शोध संस्थानों में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

आयुर्वेद जीवविज्ञान का पाठ्यक्रम जानें

  • आयुर्वेद का इतिहास और विकास
  • आयुर्वेद का दर्शन और मूल सिद्धांत
  • शरीर रचना और कार्य
  • पदार्थ विज्ञान और द्रव्य विज्ञान
  • रस शास्त्र, वेषज्या कल्पना और आयुर्वेद चिकित्सा
  • रोग जीवविज्ञान, सूक्ष्म जीवविज्ञान और प्रतिरक्षा विज्ञान
  • आनुवंशिकी, आयुजीनोमिक्स, कोशिका और आणविक जीवविज्ञान
  • शरीर क्रिया विज्ञान, जैव विज्ञान और नैनो प्रौद्योगिकी
  • जैव विविधता और पर्यावरणीय स्वास्थ्य, बौद्धिक संपदा अधिकार और उद्यमिता
  • अनुसंधान पद्धति, जैव सांख्यिकी और आयुर्वेद सूचना विज्ञान

आयुर्वेद और इसके सिद्धांतों के बारे में जागरूकता बढ़ेगी

नीमा छात्र संघ के अध्यक्ष डॉ. हरेंद्र भरौरिया कहते हैं कि "आयुर्वेद को मुख्यधारा से जोड़ने की यह एक अच्छी पहल है। इस कदम से उच्च शिक्षा प्राप्त अभ्यर्थी आयुर्वेद का अध्ययन और समझ सकेंगे। इससे आम जनता में भी आयुर्वेद और इसके सिद्धांतों के बारे में जागरूकता बढ़ेगी। आयुर्वेद के अध्ययन और अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा और इस क्षेत्र के छात्र अपना ज्ञान और जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। योग्यताओं और कौशलों को पहचानने के लिए एक नया मंच उपलब्ध होगा।