मैं एक योगी, मेरे लिए सबसे पहले देश : योगी आदित्यनाथ 

नई दिल्ली । यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आतंकवादी वाले बयान पर पलटवार किया है। मंगलवार को महाराष्ट्र के अचलपुर में योगी…

मैं एक योगी, मेरे लिए सबसे पहले देश : योगी आदित्यनाथ 

नई दिल्ली । यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आतंकवादी वाले बयान पर पलटवार किया है। मंगलवार को महाराष्ट्र के अचलपुर में योगी कहा कि पिछले तीन दिनों से, मैं खड़गे जी की टिप्पणियां सुन रहा हूं। मैं एक योगी हूं और मेरे लिए देश सबसे पहले है। आपके लिए कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति पहले आती है। अगर हम बंटे तो गणपति पूजा पर हमला होगा, लैंड जिहाद के तहत जमीनें हड़प ली जाएंगी, बेटियों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी। उन्होंने कहा कि आज यूपी में कोई लव जिहाद या लैंड जिहाद नहीं है। पहले ही घोषणा कर दी गई थी कि अगर किसी ने हमारी बेटियों की सुरक्षा में बाधा डाली, सरकारी और गरीबों की जमीन हड़पी तो यमराज उनका टिकट काटने के लिए तैयार रहेंगे। उन्होंने कहा कि यूपी में माफिया थे और पिछली सरकार उनकी सुरक्षा करती थी। लेकिन अब ये सभी जहन्नुम की राह पर हैं। बता दें कि सोमवार को योगी आदित्यनाथ पर खड़गे ने कहा था कि एक सच्चा योगी कभी भी बटेंगे तो कटेंगे जैसी टिप्पणियां नहीं करेंगा और इस भाषा का इस्तेमाल आतंकवादी करते हैं। हाल की राजनीतिक रैलियों के दौरान खड़गे की शुरुआती टिप्पणियों ने भी राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया था, जब उन्होंने बिना नाम लिए योगी आदित्यनाथ को टैग करते हुए कहा था, कई नेता साधुओं के भेष में रहते हैं और अब राजनेता बन गए हैं। कुछ तो मुख्यमंत्री भी बन गये हैं। वे गेरुआ कपड़े पहनते हैं और उनके सिर पर बाल नहीं हैं। मैं भाजपा से कहूंगा, या तो सफेद कपड़े पहनें या यदि आप संन्यासी हैं, तो गेरुआ कपड़े पहनें, लेकिन फिर राजनीति से बाहर हो जाएं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर बीजेपी नेता तरुण चुघ ने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे भारतीय संस्कृति का अपमान कर रहे हैं। भाजपा ने आतंकवादियों, भ्रष्टाचारियों, धोखेबाजों और लूट-खसोट करने वालों को बड़ा झटका दिया है। मुझे नहीं पता कि कांग्रेस का इन लोगों से क्या रिश्ता है। उन्होंने कहा कि गेरुआ वस्त्र पहनना भारतीय संस्कृति का प्रतीक है। इस प्रकार के नेता केवल समाज को एकजुट करने और सनातन धर्म को आगे बढ़ाने के लिए आते हैं। स्वामी विवेकानन्द भी उनमें से एक हैं।