वायनाड लोकसभा सीट हुए उपचुनाव में मतदान प्रतिशत घटा, बढ़ी कांग्रेस की चिंताएं
नई दिल्ली। वायनाड लोकसभा सीट पर बुधवार को हुए उपचुनाव में 64.72 फीसदी मतदान हुआ। 2009 में इस सीट के गठन के बाद से अब तक का यह सबसे कम…
नई दिल्ली। वायनाड लोकसभा सीट पर बुधवार को हुए उपचुनाव में 64.72 फीसदी मतदान हुआ। 2009 में इस सीट के गठन के बाद से अब तक का यह सबसे कम मतदान है। राहुल गांधी द्वारा इस सीट से इस्तीफा देने के कारण यहां उपचुनाव की स्थिति बनी। यहां प्रियंका गांधी का मुकाबला सीपीआई उम्मीदवार सत्यन मोकेरी और बीजेपी की नव्या हरिदास से है। मतदान प्रतिशत में गिरावट को लेकर कांग्रेस की चिंताएं बढ़ गई हैं। बता दें कि कांग्रेस ने प्रियंका गांधी के लिए जीत का अंतर पांच लाख वोटों का दावा किया था।
कांग्रेस नीत यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट ने कहा है कि कम मतदान प्रतिशत से उनके द्वारा घोषित किए गए मतदान के मार्जिन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक यूडीएफ नेताओं ने इसका खंडन किया और दावा किया कि पार्टी की स्थिति मजबूत है। केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने कम मतदान प्रतिशत के लिए सीपीआईएम के प्रभुत्व वाले क्षेत्रों में मतदाताओं के बीच उत्साह की कमी को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि कुछ इलाकों में मतदाताओं का रुझान अपेक्षाकृत कम था, जिसके कारण मतदान प्रतिशत गिरा।
प्रियंका गांधी को समर्थन जुटाने के लिए कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और दीपा दासमुनी ने प्रियंका गांधी के साथ बैठकों में भाग लिया। इसके अलावा कांग्रेस नेताओं ने यह तय किया कि उनके विधायक और कार्यकर्ता प्रियंका गांधी के अभियान के दौरान क्षेत्र में मौजूद रहेंगे। प्रियंका के लिए प्रचार में वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और डी के शिवकुमार भी शामिल हुए। इस उपचुनाव के दौरान इन नेताओं ने प्रियंका गांधी के प्रचार का नेतृत्व किया और पार्टी कार्यकर्ताओं को सक्रिय रूप से मैदान में लाने की कोशिश की।
यह उपचुनाव वायनाड जिले में आई बाढ़ के कुछ महीने बाद हुआ है। बाढ़ के कारण 231 लोगों की मौत हो गई थी। 47 अभी भी लापता हैं। वायनाड उपचुनाव के मतदान प्रतिशत में कमी के बावजूद कांग्रेस और यूडीएफ के नेताओं का मानना है कि प्रियंका गांधी की जीत में कोई बाधा नहीं आएगी। अब सभी की नजरें इस पर टिकी हैं कि कम मतदान के बावजूद क्या कांग्रेस की उम्मीदें पूरी होती हैं और क्या प्रियंका गांधी वायनाड से जीत हासिल कर पाती हैं।