मणिपुर में एनपीपी ने सरकार से वापस लिया समर्थन
इंफाल। मणिपुर में ताजा हिंसा और उग्र होती भीड़ को देखते हुए नेशनल पीपुल्स पार्टी ने एनपीपी ने भाजपा की एनडीएस गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। एनपीपी…
इंफाल। मणिपुर में ताजा हिंसा और उग्र होती भीड़ को देखते हुए नेशनल पीपुल्स पार्टी ने एनपीपी ने भाजपा की एनडीएस गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। एनपीपी ने मणिपुर में जारी हिंसा को रोकने लिए मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह पर असफल रहने का आरोप लगाया है। एनपीपी ने भाजपा सरकार को राज्य में लंबे समय से चल रही अशांति के लिए जिम्मेदार ठहराया है। एनपीपी ने समर्थन वापस लेने का भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखा है। पत्र के अनुसार, एनपीपी मणिपुर राज्य में मौजूदा कानून और व्यवस्था की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है। पत्र में लिखा कि पिछले कुछ दिनों में हमने स्थिति को और बिगड़ते देखा है, जहां कई निर्दोष लोगों की जान चली गई है और राज्य के लोग भारी पीड़ा के दौर से गुजर रहे हैं। हमें लगता है कि मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के नेतृत्व में मणिपुर सरकार संकट को हल करने और सामान्य स्थिति बहाल करने में पूरी तरह नाकाम रही है। वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए नेशनल पीपुल्स पार्टी ने मणिपुर राज्य में बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन तत्काल प्रभाव से वापस लेने का फैसला किया है। बता दें कि मणिपुर में फिलहाल भाजपा नीत सरकार पर एनपीपी के समर्थन लेने के बाद भी कोई खास असर नहीं पड़ने वाला है, क्योंकि 60 विधानसभा सीट वाले राज्य में भाजपा के पास 37 सीटें हैं। इस तरह से भाजपा राज्य में बिना किसी समर्थन के सरकार चला सकती है, क्योंकि बहुमत के लिए भाजपा को किसी से समर्थन की जरूरत नहीं है।