दिल्ली पुलिस ने 100 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में चीनी नागरिक को किया गिरफ्तार

शेयर बाजार में निवेश के बहाने लोगों से ठगी करने वाले चीनी नागरिक फेंग को शाहदरा जिले के साइबर सेल ने गिरफ्तार किया है। आरोपी अपने सहयोगियों के साथ मिलकर…

दिल्ली पुलिस ने 100 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में चीनी नागरिक को किया गिरफ्तार

शेयर बाजार में निवेश के बहाने लोगों से ठगी करने वाले चीनी नागरिक फेंग को शाहदरा जिले के साइबर सेल ने गिरफ्तार किया है। आरोपी अपने सहयोगियों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी कर चुका है। फेंग चेनजिन अप्रैल 2020 में आंध्र प्रदेश में एक तियावानी कंपनी के लिए वर्क वीजा पर भारत आया था। आंध्र पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के समय उसका वीजा वैध था और पासपोर्ट और वीजा दोनों आंध्र पुलिस ने जब्त कर लिए हैं। अब उसके पास कोई वैध वीजा नहीं है।

ऐसे दो मामलों में रहा शामिल
पुलिस के अनुसार, आरोपी फेंग चेनजिन पहले भी दो ऐसे ही मामलों में शामिल रहा है। तकनीकी और मैनुअल निगरानी के बाद आरोपी की गिरफ्तारी हुई है। IMEI नंबर 8626940xxxxx वाला मोबाइल फोन, जिसका इस्तेमाल आरोपी के कब्जे से लेनदेन को सुविधाजनक बनाने के लिए किया गया था। जांच में पता चला कि धोखाधड़ी से जुड़े फिनकेयर बैंक खाते से जुड़ी 17 समान शिकायतों का एक व्यापक नेटवर्क है, जिसकी राशि 100 करोड़ रुपये से अधिक है। शाहदरा साइबर पुलिस स्टेशन ने ठगी से जुड़े एक बड़े साइबर धोखाधड़ी मामले में एक चीनी नागरिक फेंग चेनजिन को गिरफ्तार किया है। यह धोखाधड़ी व्हाट्सएप ग्रुपों के माध्यम से ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग घोटालों के माध्यम से की गई थी, जिसमें व्यक्तियों को निशाना बनाया गया था।

आरोपी के खिलाफ दर्ज की गई थी शिकायत
पुलिस के अनुसार, 24 जुलाई 2024 को सुरेश कोलीचियिल अच्युतन द्वारा साइबर अपराध पोर्टल पर एक शिकायत दर्ज की गई, जिसमें शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्हें धोखाधड़ी वाले शेयर बाजार प्रशिक्षण सत्रों में लालच दिया गया और बाद में कई लेन-देन में 43.5 लाख रुपये का निवेश करने के लिए धोखा दिया गया। इन निवेशों को धोखेबाजों द्वारा नियंत्रित कई बैंक खातों में निर्देशित किया गया था।

ऐसे हुए ठगी का खुलासा
बताया गया कि जांच के दौरान उन बैंक खातों का विवरण प्राप्त किया गया, जिनमें ठगी की गई राशि ट्रांसफर की गई थी और संदिग्ध मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल का विश्लेषण किया गया था। सभी संदिग्ध व्यक्तियों से जुड़े बैंक खातों और मोबाइल नंबरों के संदर्भ में गहन जांच की गई। तकनीकी विश्लेषण और टीम के ईमानदार प्रयासों से धोखाधड़ी से जुड़े लिंक का पता चला।