राजनाथ का बयान, जब-जब हम बंटे हैं, तब-तब हमारी हार हुई  

नई दिल्ली। मोदी सरकार में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आप इतिहास उठा कर देख लीजिए, जब-जब हम बंटे हैं, तब-तब हमारी हार हुई हैं और हमें…

राजनाथ का बयान, जब-जब हम बंटे हैं, तब-तब हमारी हार हुई  

नई दिल्ली। मोदी सरकार में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आप इतिहास उठा कर देख लीजिए, जब-जब हम बंटे हैं, तब-तब हमारी हार हुई हैं और हमें पीछे होना पड़ा है। केंद्रीय रक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि जब-जब हमारी एकता कमजोर हुई है, तब-तब आक्रमणकारियों ने हमारी सभ्यता को और हमारी संस्कृति को नष्ट करने का काम है। मेरी नजर में, सीमाओं का सुरक्षित रहना जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही महत्वपूर्ण संस्कृति का सुरक्षित रहना भी है। केंद्रीय रक्षा मंत्री हैदराबाद में आयोजित कोटि दीपोत्सवम के मौके पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा, मैं समझता हूं कि इसतरह के आयोजनों का महत्व सिर्फ लोगों के एकत्र होने का या दीप जलाने का नहीं होता है। इस तरह के आयोजन हमें कई सारे संदेश भी देते हैं। पहला महत्वपूर्ण संदेश है जो मैं समझता हूं वह एकता का संदेश होता है। यदि कोई व्यक्ति अपने दम पर प्रयास करता है, तब स्वाभाविक है कि उसके प्रयासों का प्रभाव कम हो। लेकिन यदि कई सारे व्यक्ति मिलकर प्रयास करते हैं, तब लक्ष्यों को प्राप्त करना ज्यादा आसान होता है।

इतिहास उठाकर देख लीजिए जब-जब हम बंटे हैं, तब-तब हम हारे 
केंद्रीय रक्षा मंत्री ने कहा, आप इतिहास उठाकर देख लीजिए। जब-जब हम बंटे हैं, तब-तब हम हारे हैं और तब-तब हमें पीछे होना पड़ा है। जब-जब हमारी एकता कमजोर हुई है, तब-तब आक्रमणकारियों ने हमारी सभ्यता और संस्कृति को नष्ट करने का प्रयास किया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि कोई आपको अलग-अलग धर्मों में बांटेगा, कोई आपको अलग-अलग संप्रदायों में बांटेगा, लेकिन आपको बंटना नहीं है। 

किसी भी देश या समाज की प्रगति के लिए, एकता के साथ-साथ उत्साह बहुत जरुरी 
उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों का दूसरा संदेश, हमारे भीतर उत्साह का संचार करना है। कोटि दीपोत्सवम जैसे महोत्सव, हमारे अंदर उत्साह का संचार करते हैं। किसी भी देश या समाज की प्रगति के लिए, एकता के साथ-साथ उत्साह बहुत जरुरी है। यदि हमें विकसित राष्ट्र बनना है, हमें वापस से विश्वगुरु के गौरव को पाना है, तब हमें अपने विवेक से काम लेना होगा।