नीतीश कुमार निकालेंगे महिला संवाद यात्रा, 226 करोड़ रुपए होंगे खर्च
पटना। बिहार सीएम नीतीश कुमार महिला संवाद यात्रा के साथ किसी निर्णय की तलाश में निकलने वाले हैं। नीतीश की इस यात्रा को आम यात्रा से जोड़ना सही नहीं होगा।…
पटना। बिहार सीएम नीतीश कुमार महिला संवाद यात्रा के साथ किसी निर्णय की तलाश में निकलने वाले हैं। नीतीश की इस यात्रा को आम यात्रा से जोड़ना सही नहीं होगा। उनकी ये यात्रा कई मायने में खास होगी। चाहे वह शराबबंदी नीति को लेकर हो या फिर आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर उम्मीदवारों का रिपोर्ट कार्ड हासिल करने के लिए हो। वैसे भी नीतीश कुमार ने जिस तरह महिलाओं पर भरोसा जताया और उन्होंने जीविका दीदी, आशा दीदी को जीवन की राह दी, आज की तारीख में वह नीतीश कुमार की सबसे बड़े दूत हैं। खास कर जब लोकसभा चुनाव में जदयू की हालत पतली थी तो इस आधी आबादी ने नीतीश को जीत का स्वाद चखाया था।
एक प्रस्ताव महिला संवाद यात्रा का भी था
पिछले कैबिनेट बैठक में जिन 9 एजेंडों पर मुहर लगी थी, उनमें से एक प्रस्ताव महिला संवाद यात्रा का भी था, इस यात्रा को पूरे बिहार से गुजरना है। इस यात्रा पर कुल 226 करोड़ रुपए खर्च होंगे। महिला सशक्तिकरण की तरफ नीतीश कुमार अक्सर चल पड़ते हैं। वो चाहे शराबबंदी को लेकर फैसले का मामला हो या नौकरियों और पंचायत में चुनावी आरक्षण का।नीतीश ने हमेशा महिला फोर्स को एक्टिवेट किया है। उनकी आशाओं के अनुकूल महिलाएं ढलते दिखी भी। वैसे भी बिहार में 48 फीसदी वोटर महिलाएं हैं, जो जीत-हार की बाजी पलट सकती हैं। विपक्ष और सत्ताधारी दल के सहयोगी साथी अक्सर शराबबंदी को लेकर नीतीश कुमार की आलोचना करते हैं। पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी शराबबंदी पर आक्रमक रहे हैं। हमेशा वे कहते हैं कि इस शराबबंदी का दंश सिर्फ गरीब झेल रहे हैं। जेल में बंद यही गरीब है। जहरीली शराब से मर भी गरीब रहे हैं। इसलिए समय आ गया है कि शराबबंदी कानून की समीक्षा की जाए।
विपक्ष भी लगातार नीतीश कुमार पर हावी रहता है
जनसुराज नेता प्रशांत किशोर तो साफ कहते हैं कि उनकी सरकार आएगी तो एक घंटे में शराबबंदी कानून को खत्म कर देंगे और इससे होने वाली आय से राज्य की शिक्षा को बेहतर बनाएंगे। विपक्ष भी लगातार नीतीश कुमार पर हावी रहता है। अनुमान लगाया जाता है कि नीतीश उन्हीं महिलाओं से मिलेंगे, जिन्होंने शराबबंदी की राय दी थी। ये महिलाएं शराबबंदी को लेकर अलग धारणा बना रखी होंगी तो नीतीश अपने पुराने फैसले को बदल सकते हैं। अगर शराबंदी को लेकर सकारात्मक दृष्टि महिलाएं रखती हैं तो नीतीश शराबबंदी नीति को लागू रखने की वकालत करेंगे।