लाखों पर्यटकों की पहली पसंद बने गुजरात के ऐतिहासिक धरोहर स्थल

अहमदाबाद | सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित करने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए UNESCO हर साल 19 नवम्बर से 25 नवम्बर तक विश्वभर में विश्व…

लाखों पर्यटकों की पहली पसंद बने गुजरात के ऐतिहासिक धरोहर स्थल

अहमदाबाद | सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित करने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए UNESCO हर साल 19 नवम्बर से 25 नवम्बर तक विश्वभर में विश्व विरासत सप्ताह मनाता है। भारत में भी इसे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सहयोग से देशभर के ऐतिहासिक धरोहर स्थलों के लिए आयोजित किया जाता है। इस वर्ष विश्व धरोहर सप्ताह 2024 की थीम विविधता की खोज और अनुभव है। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध गुजरात में भी कई ऐतिहासिक धरोहर स्थलें हैं जो देश-विदेश के लाखों पर्यटकों की पहली पसंद बने हुए हैं। गुजरात के पर्यटन विभाग के अनुसार वर्ष 2023-24 में लगभग 21 लाख से अधिक पर्यटकों ने गुजरात के प्रमुख विरासत पर्यटन स्थलों को विज़िट किया है। 

428 करोड़ से अधिक की लागत से ऐतिहासिक विरासत स्थलों को किया जा रहा पर्यटन सुविधाओं से युक्त
ऐतिहासिक विरासत स्थलों को पर्यटकों के लिए आकर्षक और सुविधा जनक बनाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात सरकार ने ₹428 करोड़ से अधिक की लागत से विभिन्न विकास कार्यों को शुरू किया है। इतना ही नहीं, इन विरासत स्थलों में गुजरात सरकार नाईट टूरिज़्म के कॉन्सेप्ट के तहत लाइट एंड शो जैसी कई आकर्षक गतिविधियाँ भी संचालित कर रही है जिसे देश-विदेश के पर्यटक खूब पसंद भी कर रहे हैं।  

वडनगर और धोलावीरा में सबसे अधिक ₹255 करोड़ की लागत से विकसित की जा रही हैं पर्यटन अनुकूल सुविधाएँ
वडनगर एक ऐतिहासिक धरोहर स्थल के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जन्म स्थान भी है। वडनगर के ऐतिहासिक व सांस्कृतिक महत्व को समझते हुए गुजरात सरकार ने यहाँ पिछले तीन वर्षों में ₹70 करोड़ खर्च कर कई बुनियादी और आधुनिक पर्यटन सुविधाओं को विकसित किया है। यहाँ लगातार बढ़ रहे पर्यटकों की संख्या की बात करें तो जहाँ वर्ष 2022-23 में मात्र 2 लाख 45 हजार पर्यटकों ने इसे विज़िट किया तो वहीं 2023-24 में यह संख्या लगभग तीन गुना बढ़कर करीब 7 लाख हो गई है। 
इसी तरह, धोलावीरा भी यूनेस्को द्वारा घोषित एक प्रसिद्ध विश्व विरासत स्थल है। यह सिंधु घाटी की सभ्यता की पहचान लिए हुए है। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने यहाँ ₹185 करोड़ की लागत से विभिन्न पर्यटन सुविधा के विकास की योजना बनाई है। इसमें फेज़ 1 के तहत अभी ₹76 करोड़ के विकास कार्य का काम प्रगति पर है। इन पर्यटन सुविधाओं के विकसित हो जाने के बाद यहाँ पर्यटकों की संख्या में और भी अधिक वृद्धि देखी जा सकेगी। वर्ष 2022-23 में यहाँ 1 लाख 41 हजार पर्यटकों ने विज़िट किया तो वहीं 2023-24 में यहाँ आंकड़ा दोगुने से भी अधिक बढ़कर 2 लाख 32 हजार से अधिक पर्यटक धोलावीरा घूमने के लिए आए। 

मोढेरा, रानी की वाव, और अडालज की वाव भी बन रहे हैं पर्यटकों की पसंद 
राज्य के कुछ अन्य विरासत स्थलों जैसे कि मोढेरा का सूर्य मंदिर, रानी की वाव और अडालज की वाव भी लाखों पर्यटकों की पहली पसंद बन रहे हैं। राज्य सरकार ने यहाँ भी क्रमश: ₹20 करोड़, ₹18 करोड़ और ₹5 करोड़ खर्च कर विभिन्न पर्यटन सुविधाओं को विकसित किया है। यही कारण है कि पिछले साल की तुलना में यहाँ पर्यटकों की संख्या में भी वृद्धि देखी गई है। 2022-23 में यहाँ पर्यटकों की संख्या क्रमशः 3 लाख 78 हजार, 3 लाख 52 हजार, 3 लाख 72 हजार थी वहीं 2023-24 में यह संख्या क्रमशः 3 लाख 81 हजार, 3 लाख 83 हजार, और 3 लाख 86 हजार रही है।  इसके अलावा, राज्य के कई ऐतिहासिक किलों के जीर्णोद्धार पर भी राज्य सरकार विशेष ध्यान दे रही है।  उदाहरण के लिए ₹74 करोड़ की लागत से जूनागढ़ के उपरकोट किले के रिस्टोरेशन का काम पूरा कर लिया गया है। वहीं, अमरेली के राजमहल का रिस्टोरेशन भी ₹21 करोड़ की लागत से किया जा रहा है। और इसी तरह, ₹25 करोड़ की लागत से लखपत फोर्ट के रिस्टोरेशन की भी योजना बनाई गई है।

भारत के बेस्ट टूरिज़्म हेरिटेज विलेज- हाफेश्वर में भी चल रहे हैं कई विकास कार्य
भारत सरकार द्वारा वर्ष 2024 में विश्व पर्यटन दिवस के दिन गुजरात के हाफेश्वर गाँव को हेरिटेज की कैटगरी में बेस्ट टूरिज़्म विलेज का सम्मान दिया गया है। यहाँ आने वाले पर्यटकों के अनुभवों को हमेशा के लिए यादगार बनाने के लिए राज्य सरकार यहाँ ₹10 करोड़ की लागत से विभिन्न पर्यटन सुविधाओं को विकसित करने वाली है। 

नई दिशा की ओर अग्रसर हो रहा है गुजरात का धरोहर स्थल पर्यटन
राज्य के हेरिटेज स्थलों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने और पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में गुजरात सरकार के ये प्रयास महत्वपूर्ण कदम हैं। इन सुविधाओं से न केवल पर्यटकों को बेहतर अनुभव मिलेगा, बल्कि राज्य के आर्थिक विकास में भी योगदान मिलेगा। गुजरात में हेरिटेज पर्यटन के इस नए युग से उम्मीद की जा रही है कि राज्य जल्द ही देश के साथ-साथ विश्व के प्रमुख विरासत पर्यटन स्थलों में विशेष पहचान बनाएगा।