कर्नाटक में नया नाटक, डीके शिवकुमार के समर्थन में वोक्कालिगा संत, सिद्धारमैया ने भी चल दी चाल
लोकसभा चुनाव के बाद कर्नाटक कांग्रेस में सीएम पद को लेकर शह और मात का खेल शुरू हो गया है। डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार से समर्थक खुले तौर पर नेतृत्व…
लोकसभा चुनाव के बाद कर्नाटक कांग्रेस में सीएम पद को लेकर शह और मात का खेल शुरू हो गया है। डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार से समर्थक खुले तौर पर नेतृत्व परिवर्तन का राग छेड़ा है तो सिद्धारमैया समर्थक मंत्रियों ने तीन डिप्टी सीएम के फॉर्मूले को लागू करने का दांव चल दिया है। कई मंत्री लिंगायत, दलित और अल्पसंख्यक डिप्टी सीएम बनाने के लिए आवाज बुलंद करने लगे हैं। इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के बदलाव की मांग भी शुरू हो गई है। यह पद अभी डीके शिवकुमार के पास ही है। पॉलिटिकल एक्सपर्ट मानते हैं कि विधानसभा चुनाव के बाद निकाले गए फॉर्मूले के तहत डीके शिवकुमार सीएम पद के दावेदार हैं। पार्टी में वह संकटमोचक के तौर पर उभरे हैं। उन्हें केंद्रीय नेतृत्व का विश्वास भी हासिल है, ऐसे में सिद्धारमैया समर्थकों ने प्रेशर पॉलिटिक्स शुरू कर दी है। फिलहाल इस खेल के शुरू होने के बाद डीके शिवकुमार ने चुप्पी साध रखी है। कर्नाटक में फिर से सत्ता का नाटक शुरू होने वाला है। सिद्धारमैया के समर्थक मंत्रियों केएन राजन्ना, बी जेड ज़मीर अहमद खान और सतीश जरकीहोली ने तीन डिप्टी सीएम की मांग रख दी। माना जा रहा है कि मंत्रियों ने डीके शिवकुमार को काबू में करने के लिए तीन डिप्टी सीएम का मुद्दा उछाला गया है। अभी कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने एक वर्ष का कार्यकाल पूरा किया है और डीके फॉर्मूले तहत सीएम पद के दावेदार हैं। विश्व वोक्कालिगा महास्थानम के प्रमुख स्वामी चंद्रशेखर ने सिद्धारमैया को सीएम की कुर्सी डीके शिवकुमार को देने की सलाह दे दी है। उन्होंने यह बयान कैंपा गौड़ा जयंती समारोह में उस समय दिया, जब मंच पर शिवकुमार और सिद्धारमैया दोनों मौजूद थे। इसके बाद स्वामी निर्मलानंद ने भी डीके शिवकुमार को सीएम बनाने की वकालत की। डीके वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं और विधानसभा चुनाव के दौरान मठ की ओर से कांग्रेस को खुले तौर पर समर्थन मिला था। ओल्ड मैसुरू इलाके में मठ की अपील का फायदा भी कांग्रेस को मिला था।
कांग्रेस अध्यक्ष पद के बहाने सिद्धारमैया समर्थक का पलटवार
2023 के कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस को 135 सीटें मिली थीं। इसके बाद कई दिनों तक सीएम पद को लेकर माथापच्ची चलती रही। सोनिया गांधी के करीबी डीके शिवकुमार सीएम पद के प्रबल दावेदार बनकर सामने आए। सूत्रों के अनुसार, आलाकमान ने इस मुद्दे पर मध्यस्थता की और ढाई-ढाई साल के सीएम पद का फॉर्मूला तैयार किया। सिद्धारमैया पहले ढाई साल के लिए सीएम बनाए गए। साथ ही यह भी तय किया गया कि सिद्धारमैया सरकार में डीके शिवकुमार एकमात्र डिप्टी सीएम भी रहेंगे। केंद्रीय नेतृत्व ने लोकसभा चुनाव तक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष (केपीसीसी) बनाए रखने का ऐलान किया। समझौते के तहत अभी सिद्धारमैया का कार्यकाल 17 महीने बाकी है, मगर डीके समर्थक अभी से भूमिका तैयार करने में जुटे हैं। चन्नागिरी के कांग्रेस विधायक बसवराजू वी शिवगंगा ने बुधवार को पार्टी से शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने का आग्रह किया। इसके बाद सिद्धारमैया के समर्थकों ने डीके शिवकुमार की घेराबंदी शुरू कर दी। उन्होंने सबसे पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर डीके शिवकुमार का घेराव किया। सहकारिता मंत्री राजन्ना ने नए प्रदेश अध्यक्ष की मांग कर डाली है। अगर प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर डीके शिवकुमार की विदाई हुई तो सिद्धारमैया की राह आसान हो जाएगी।