ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाज की 519 दिनों बाद वापसी, कोहली और राहुल को किया था आउट

टीम इंडिया ने पर्थ टेस्ट भले ही जीत लिया है. लेकिन अब उसके सामने एक नई चुनौती है. दरअसल, भारतीय टीम को एडिलेड में डे-नाइट टेस्ट खेलना है, जिसमें खिलाड़ियों…

ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाज की 519 दिनों बाद वापसी, कोहली और राहुल को किया था आउट

टीम इंडिया ने पर्थ टेस्ट भले ही जीत लिया है. लेकिन अब उसके सामने एक नई चुनौती है. दरअसल, भारतीय टीम को एडिलेड में डे-नाइट टेस्ट खेलना है, जिसमें खिलाड़ियों को बहुत ही कम अनुभव है. 6 दिसंबर को शुरू होने वाले इस मुकाबले में पिंक बॉल का सामना करने का चैलेंज होगा. इस दौरान रोहित शर्मा की टीम को स्कॉट बोलैंड के रूप में एक और बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है. हेजलवुड के चोटिल होने के बाद ऑस्ट्रेलिया की टीम में उनकी वापसी लगभग तय मानी जा रही है.

प्रैक्टिस मैच में देंगे चुनौती

एडिलेड टेस्ट से पहले भारत और ऑस्ट्रेलिया की प्राइम मिनिस्टर XI के बीच दो दिनों का डे-नाइट प्रैक्टिस मैच खेला जाना है. इसमें बोलैंड अपनी टीम के पेस अटैक का नेतृत्व करते हुए नजर आएंगे. वह ऑस्ट्रेलिया की मुख्य टीम का भी हिस्सा हैं. इसी वजह से दूसरे मुकाबले में उनका खेलना तय माना जा रहा है. अगर ऐसा होता है तो वह 519 दिनों के बाद एक बार फिर से टेस्ट क्रिकेट खेलते हुए नजर आएंगे. उन्होंने पिछला टेस्ट 6 जुलाई 2023 को खेला था. 35 साल के बोलैंड ने 2021 में ऑस्ट्रेलिया के लिए टेस्ट डेब्यू किया था. उसके बाद से उन्होंने 10 मुकाबले खेलें, जिसमें उन्होंने शानदार गेंदबाजी की और 20.34 के बेहतरीन औसत से 35 विकेट चटकाए हैं. इस दौरान उनकी इकॉनमी 2 से भी कम रही है.

WTC फाइनल में कोहली को 2 बार किया आउट

स्कॉट बोलैंड ने 2023 के वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में भी भारत के खिलाफ गेंदबाजी की थी. उन्होंने पहली पारी में 2 विकेट और दूसरी पारी में 3 विकेट चटकाए थे. इस मैच की दोनों ही पारियों में उन्होंने विराट कोहली का शिकार किया था. वहीं बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी शुरू होने से पहले उन्होंने केएल राहुल को चेतावनी भी दी थी. बोलैंड ने कहा था कि राहुल के खिलाफ अपने ग्राउंड में खेलने का मजा अलग होगा.

पिछले साल भारत दौरे पर ऑस्ट्रेलियाई टीम के साथ आए बोलैंड ने एक टेस्ट मैच में राहुल को गेंदबाजी की थी. उन्होंने राहुल को शानदार बल्लेबाज बताया था, साथ ही ये कह दिया था कि वो ऐसे बल्लेबाज हैं, जिन पर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज हावी हो सकते हैं. ऑस्ट्रेलियाई पेसर ने इसे ही अपना लक्ष्य बताया और उम्मीद जताई कि पूरी सीरीज के दौरान वो और उनके साथी गेंदबाज ऐसा करने में सफल रहेंगे.