सावधान! किसानों का एक और जत्था दिल्ली की ओर बढ़ रहा, पंजाब से हरियाणा तक मचा हड़कंप…

पंजाब के किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने 6 दिसंबर को दिल्ली की ओर अपने प्रस्तावित मार्च से पहले सोमवार को हरियाणा में अंबाला के शीर्ष पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की…

सावधान! किसानों का एक और जत्था दिल्ली की ओर बढ़ रहा, पंजाब से हरियाणा तक मचा हड़कंप…

पंजाब के किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने 6 दिसंबर को दिल्ली की ओर अपने प्रस्तावित मार्च से पहले सोमवार को हरियाणा में अंबाला के शीर्ष पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की और उन्हें अपनी योजना के बारे में जानकारी दी।

प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने किया। पुलिस अधीक्षक (अंबाला) एस एस भोरिया से मुलाकात के बाद पंढेर ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस प्रशासन को किसानों के मार्च के मार्ग के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस को आश्वासन दिया कि मार्च शांतिपूर्ण होगा और मार्ग पर यातायात अवरुद्ध नहीं किया जाएगा।

पंधेर ने कहा, ‘बैठक सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। हमने अपने कार्यक्रम के बारे में विस्तृत जानकारी दी, जिसकी घोषणा हम पहले ही मीडिया को कर चुके हैं। हमने कहा कि हम जत्थों में जाएंगे और शांतिपूर्ण तरीके से जाएंगे। यातायात अवरुद्ध नहीं होगा। हम रात में सड़कों पर रुकेंगे।’

यह पूछे जाने पर कि क्या हरियाणा के प्राधिकारियों ने दिल्ली की ओर मार्च करने की अनुमति दी है, किसान नेता ने कहा, ‘वे एक बैठक करेंगे और इसके बाद हमें सूचना देंगे।’

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं, जब सुरक्षा बलों ने दिल्ली की ओर उनके मार्च को रोक दिया था।

यमुनानगर में एक कार्यक्रम के दौरान हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा, ‘अगर कुछ किसान शांतिपूर्ण तरीके से पैदल मार्च करना चाहते हैं तो इसमें कोई आपत्ति नहीं हो सकती।

लेकिन जिस तरह से उन्होंने पंजाब में आंदोलन किया, उसने वहां की अर्थव्यवस्था को बिगाड़ दिया। हम हरियाणा में ऐसा कुछ नहीं होने देंगे।’’ अगर कोई कानून-व्यवस्था को बिगाड़ता है, तो वह चार किलोमीटर भी नहीं जा सकता, दिल्ली तो दूर की बात है।’

‘सरकार MSP पर खरीद रही फसलें’

सरवन पंढेर ने 1 दिसंबर को कहा था कि किसानों का एक समूह गुरुवार को दिल्ली की ओर मार्च करेगा। साथ ही उन्होंने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी सहित उनके मुद्दों के समाधान के लिए प्रदर्शनकारी किसानों के साथ बातचीत नहीं करने के लिए केंद्र पर निशाना भी साधा था।

कुरुक्षेत्र में पत्रकारों से बात करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि कांग्रेस ने झूठ फैलाया कि केंद्र कृषि उपज के लिए एमएसपी व्यवस्था को खत्म करना चाहता है। उन्होंने कहा कि वास्तव में सरकार न केवल लगातार एमएसपी पर फसलों की खरीद कर रही है, बल्कि इसे बढ़ा भी रही है।

‘पूरी होनी चाहिए किसानों की मांग’

सीएम सैनी ने कहा कि हरियाणा में 24 फसलों की एमएसपी पर खरीद की जा रही है। उन्होंने कहा कि किसानों को पंजाब और कांग्रेस शासित राज्यों में धरना देना चाहिए, जहां एमएसपी प्रदान नहीं किया जाता है।

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार को किसानों से उनकी मांगों पर बात करनी चाहिए और समाधान निकालना चाहिए।

हुड्डा ने कहा, ‘हर किसी को शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने का अधिकार है। किसानों की मुख्य मांग है कि केंद्र एमएसपी पर कानूनी गारंटी दे।

हरियाणा में सरकार कहती है कि वे 24 फसलों के लिए एमएसपी दे रहे हैं। हरियाणा में 24 फसल भी नहीं हैं। मैंने उनसे उन 24 फसलों के नाम बताने को कहा, जिन पर वे एमएसपी दे रहे हैं।’

जानें किसानों की क्या हैं मांगें

एमएसपी पर कानूनी गारंटी के अलावा किसान कृषि ऋण माफी, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं, पुलिस मामलों को वापस लेने, 2021 लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं।

पंढेर ने कहा, ‘अगर हमें दिल्ली में रामलीला मैदान या जंतर-मंतर जाने की अनुमति दी जाती है या अगर हमें सिंघू सीमा पर रोका जाता है, तो हम देखेंगे कि हमें बैठने के लिए कहां जगह मिलती है और उसी के अनुसार हम अपना धरना यहां (शंभू सीमा) से स्थानांतरित करेंगे।’

शंभू से राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च करने की अपनी योजना के बारे में भी पंढेर ने बताया। उन्होंने 1 दिसंबर को कहा था कि पहले जत्थे का नेतृत्व सतनाम सिंह पन्नू, सुरिंदर सिंह चौटाला, सुरजीत सिंह फुल और बलजिंदर सिंह करेंगे।

उन्होंने कहा था कि समूह आवश्यक सामान लेकर शांतिपूर्वक तरीके से दिल्ली की ओर बढ़ेगा। किसान सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक चलेंगे और रातें सड़क पर बिताएंगे।

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