मानसून की पहली बारिश ने दिल्ली को किया बर्बाद, बैठकों की ‘मूसलाधार’ में कई फरमान
कल हुई मानसून की पहली ही बारिश ने दिल्ली को बर्बाद और बदनाम कर दिया। घनघोर बारिश और उसके बाद सड़कों पर भरे पानी से मची अफरा-तफरी ने सरकार और…
कल हुई मानसून की पहली ही बारिश ने दिल्ली को बर्बाद और बदनाम कर दिया। घनघोर बारिश और उसके बाद सड़कों पर भरे पानी से मची अफरा-तफरी ने सरकार और अफसरों को नींद से जगाया। बैठकों का सिलसिला शुरू हुआ और कई फरमान जारी किये गये। मानसून की पहली जोरदार बारिश ने दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में कोहराम मचा दिया है। दिल्ली में 88 साल की रिकॉर्ड सबसे ज्यादा बारिश के बीच शुक्रवार सुबह इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के टर्मिनल-1 का शेड और लोहे की बीम भरभराकर गिर गया। चार वाहनों पर बीम गिरने से एक ट्रैक्सी चालक रोहिणी निवासी रमेश कुमार (45) की मौत हो गई और छह लोग घायल हो गए। करीब 200 उड़ानों का आवागमन प्रभावित हुआ है। पुलिस ने लापरवाही से मौत का मामला दर्ज किया है। वहीं, नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू के आदेश पर जांच शुरू कर दी गई है। दिल्ली सरकार ने एक आपात बैठक में फैसला लिया कि जलभराव से निपटने के लिए तैयार कंट्रोल रूम में 24 घंटे अधिकारी मौजूद रहेंगे। सरकार ने हेल्पलाइन नंबर 1800110093 और व्हाट्सएप 8130188222 नंबर जारी किया है। इस पर लोग कॉल कर या मैसेज कर कंट्रोल रूम को जलजमाव की जानकारी दे सकते हैं। दिल्ली सरकार के मंत्रियों ने कहा कि पानी का फ्लो ज्यादा होने की वजह से कई घंटों तक नाले भी ओवरफ्लो रहे। इस वजह से जलजमाव खत्म होने में कई घंटों का समय लगा। जल जमाव की वजह से करंट फैलने का खतरा बना रहता है। इस वजह से एहतियात बरतते हुए कुछ इलाकों में पॉवर कट भी करना पड़ा है। बैठक में मंत्री आतिशी, गोपाल राय और इमरान हुसैन के साथ वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बैठक के बाद बताया कि पीडब्ल्यूडी मुख्यालय के कंट्रोल रूम में 8-8 घंटे की शिफ्ट में तीन वरिष्ठ अधिकारियों की ड्यूटी रहेगी। यहां से जलभराव की स्थिति पर निगरानी रखी जाएगी। पानी से संबंधित बड़े विभाग, जैसे पीडब्ल्यूडी, एमसीडी, सिंचाई और बाढ़ विभाग के अधिकारी भी वाटर लॉगिंग कंट्रोल रूम में मौजूद रहेंगे, ताकि वे अपने विभाग से समन्वय कर सकें। सौरभ भारद्वाज ने बताया कि सभी विभागों को निर्देश दिया है कि वे रात 10 बजे तक विभिन्न स्थानों पर लगाए गए पंपों की जांच कर लें। उन्होंने बताया कि अनुमान से ज्यादा बारिश होने के कारण यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ये पंप समय से चले और उनकी क्षमता की समीक्षा की जाएगी। एमसीडी और पीडब्ल्यूडी के साथ एनडीएमसी और कैंटोनमेंट बोर्ड को भी इसकी समीक्षा करने के लिए कहा है।
डीजेबी को निर्देश रीसाइकलर मशीन लें : भारद्वाज
भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड को निर्देश दिया गया है कि वह सभी 11 जोन के लिए एक-एक रिसाइकलर मशीन लें ताकि बड़े स्तर की ब्लॉकेज को ठीक किया जा सके। इसके अलावा, जल बोर्ड को सीवर की ड्यूटी के लिए कॉन्ट्रेक्ट लेबर का इंतजाम करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि कहीं भी जलभराव की समस्या होने पर दिल्लीवासी पीडब्ल्यूडी के कंट्रोल रूम में 1800110093 पर फोन करके जानकारी दे सकते हैं। इसके अलावा व्हाट्सएप नंबर 8130188222 पर मैसेज भेज करके भी जानकारी दी जा सकती है। बारिश से सड़क व रेल यातायात चरमरा गया है। जम्मू के डोडा में बादल फटने से कई घरों में मलबा घुस गया। हिमाचल प्रदेश में कई जगह भूस्खलन से सड़कें बंद हो गईं। कई वाहन मलबे में दब गए। राजधानी दिल्ली में शुक्रवार सुबह तीन घंटे की मूसलाधार बारिश ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। 1936 के बाद से 24 घंटे में 228.1 एमएम (करीब 9 इंच) बारिश दर्ज की गई है। 24 जून 1936 को 235.5 एमएम बारिश हुई थी। वहीं, हवाईअड्डे का संचालक कंपनी डायल के प्रवक्ता ने बताया कि टर्मिनल-1 पर सुबह 5:15 बजे गेट नंबर 1 से 2 तक फैला शेड अचानक गिर गया। इससे इंडिगो और स्पाइसजेट की उड़ानें संचालित होती हैं। एयरलाइंस ने यात्रियों को उड़ान रद्द होने पर किराया वापसी या अगले दिन उड़ान लेने का विकल्प दिया। फिलहाल अगले आदेश तक टर्मिनल-1 को बंद कर दिया गया है और जांच के बाद ही शनिवार को सेवाएं शुरू होने की उम्मीद है।
124 साल में तीसरी सबसे अधिक बारिश
दिल्ली में 124 साल में तीसरी बार जून में सबसे अधिक बारिश हुई है। 1901 से 2024 की अवधि के दौरान सफदरजंग एयरपोर्ट के आईएमडी स्टेशन पर जून के महीने में दर्ज बारिश के रिकॉर्ड के मुताबिक, इस महीने 1 से 28 जून तक 234.5 एमएम बारिश हुई है। इससे पहले जून के महीने में 1933 में 399 एमएम और 1936 में सबसे अधिक 415.8 एमएम बारिश हुई थी। लुटियंस दिल्ली, हौज खास, साउथ एक्सटेंशन और मयूर विहार के पॉश इलाकों में घरों में पानी भर गया है। दिल्ली की मंत्री आतिशी के मथुरा रोड स्थित घर, कांग्रेस नेता शशि थरूर, मनीष तिवारी व राम गोपाल यादव के घरों में भी पानी भर गया। दिल्ली हवाईअड्डे के टर्मिनल-1 की जो छत गिरी है, उसका निर्माण साल 2008-09 में हुआ था। इसके निर्माण कार्य का काम जीएमआर ने निजी ठेकेदारों को दिया था। इस टर्मिनल का एक हिस्सा 2009 में उद्घाटन के तीन महीने बाद ही ढह गया था।
ट्रैक पर पानी, ट्रेनें लेट
जोरदार बारिश के चलते रेलवे ट्रैक पर पानी भरने से दिल्ली के विभिन्न रेलवे स्टेशनों से कई ट्रेनें देरी से चलीं। महाबोधी एक्सप्रेस, गोमती एक्सप्रेस, बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस, आम्रपाली एक्सप्रेस, मगध एक्सप्रेस, पूर्वा एक्सप्रेस सहित अन्य ट्रेनें एक से डेढ़ घंटा देरी से दिल्ली से रवाना हुईं। अंबाला-दिल्ली रेलवे लाइन पर भी शताब्दी, सहित दो दर्जन से अधिक ट्रेनों का संचालन घंटों प्रभावित रहा। दिल्ली पहुंचने वाली ट्रेनों को भी आजादपुर, बादली, नरेला और हरियाणा के विभिन्न स्टेशनों पर रोकना पड़ा। बारिश बंद होने के बाद सुबह 10:30 बजे के बाद ट्रेनों को रवाना करना शुरू किया गया। ग्रेटर नोएडा। थाना सूरजपुर क्षेत्र के गांव खोदना कलां में शुक्रवार रात निर्माणाधीन मकान की दीवार गिरने से वहां खेल रहे मासूम भाई-बहन समेत तीन बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई। मृतकों में अहद (4), बहन अलफिजा (2) और आदिल (8) शामिल हैं। हादसे में पांच अन्य बच्चे घायल हो गए। घायल बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। राजधानी में शुक्रवार सुबह भारी बारिश के बीच सड़क किनारे भरे पानी में करंट प्रवाहित होने से 39 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई। घटना शीश महल एन्क्लेव के पास मुबारकपुर रोड पर हुई।
बारिश के पानी में डूबने से दो बच्चों की मौत
न्यू उस्मानपुर के खादर क्षेत्र में शुक्रवार को बारिश के पानी में डूबने से दो बच्चों की मौत हो गई। दोनों लड़के खेल रहे थे और तालाब में तैरने चले गए। पानी गहरा होने के कारण दोनों डूब गए। दोनों को बाहर निकाला गया और नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। दोनों न्यू उस्मानपुर इलाके गामरी के रहने वाले थे। एक की उम्र 8 व दूसरे की 10 वर्ष थी। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि घटना शाम पांच बजे की है। न्यू उस्मानपुर के 5 पुश्ता के पास खादर क्षेत्र में लगभग 5 फीट की गहराई पर बारिश का पानी एक खाई में जमा हो गया था। दोनों लड़के खेल रहे थे और इस दौरान वह तालाब में तैरने चले गए। पानी गहरा होने के कारण दोनों डूब गए।