भारतीय नौसेना ने दो अत्याधुनिक युद्धपोत, ‘सूरत’ और ‘नीलगिरी’ बेड़े में शामिल किए
नई दिल्ली। भारतीय नौसेना ने अपनी ताकत में और इजाफा करते हुए दो अत्याधुनिक युद्धपोत, ‘सूरत’ और ‘नीलगिरी’, अपने बेड़े में शामिल किए हैं। ये दोनों जहाज आधुनिक हथियारों और…
नई दिल्ली। भारतीय नौसेना ने अपनी ताकत में और इजाफा करते हुए दो अत्याधुनिक युद्धपोत, ‘सूरत’ और ‘नीलगिरी’, अपने बेड़े में शामिल किए हैं। ये दोनों जहाज आधुनिक हथियारों और सेंसर से लैस हैं और पारंपरिक और अपारंपरिक खतरों का सामना करने में सक्षम हैं। ‘सूरत’ भारतीय नौसेना की प्रोजेक्ट 15बी स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक श्रृंखला का चौथा और आखिरी जहाज है।
इससे पहले, इसी प्रोजेक्ट के तहत विशाखापत्तनम, मोरमुगाओ और इम्फाल जैसे जहाज नौसेना में शामिल हो चुके हैं। लगभग 7,400 टन वजनी और 164 मीटर लंबाई वाला ‘सूरत’ सतह से हवा और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों और टॉरपीडो जैसे आधुनिक हथियारों से लैस है। यह भारतीय नौसेना का पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सक्षम युद्धपोत है, जो इसकी परिचालन क्षमता को कई गुना बढ़ा देगा। परीक्षणों के दौरान ‘सूरत’ ने 56 किमी/घंटा से अधिक की गति प्राप्त की है।
‘नीलगिरी’ प्रोजेक्ट 17ए स्टील्थ फ्रिगेट का पहला जहाज है। यह जहाज पारंपरिक और अपारंपरिक खतरों का समुद्र में मुकाबला करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, 76 मिमी गन और रैपिड-फायर हथियार प्रणाली जैसे आधुनिक हथियार शामिल हैं। इस फ्रिगेट को डीजल और गैस दोनों से संचालित किया जा सकता है और यह अत्याधुनिक प्रबंधन प्रणाली से लैस है। इन जहाजों के निर्माण में 75% स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है। इसके प्रमुख हथियार और सेंसर देश की कंपनियों जैसे बीईएल, बीएचईएल और महिंद्रा से प्राप्त किए गए हैं। इस परियोजना ने देश की आत्मनिर्भरता को मजबूत करने के साथ ही आर्थिक विकास और रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा दिया है।