देशभर में 45 स्थानों पर आयोजित होगा रोजगार मेला, पीएम मोदी करेंगे संबोधन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में नई भर्तियों के लिए सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये 71 हजार से अधिक नियुक्ति पत्र वितरित करेंगे। इस मौके पर…
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में नई भर्तियों के लिए सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये 71 हजार से अधिक नियुक्ति पत्र वितरित करेंगे। इस मौके पर प्रधानमंत्री लोगों को संबोधित भी करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, रोजगार मेला प्रधानमंत्री की रोजगार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की प्रतिबद्धता पूरी करने की दिशा में एक कदम है।
प्रधानमंत्री मोदी सुबह लगभग 10.30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये ये नियुक्ति पत्र वितरित करेंगे। रोजगार मेला युवाओं को राष्ट्र निर्माण व स्व-सशक्तीकरण में उनकी हिस्सेदारी के लिए सार्थक अवसर उपलब्ध कराएगा। इसका आयोजन देशभर में 45 स्थानों पर किया जाएगा। केंद्र सरकार के जिन मंत्रालयों एवं विभागों के लिए ये नियुक्ति पत्र वितरित किए जाएंगे उनमें केंद्रीय गृह मंत्रालय, डाक विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और वित्तीय सेवा विभाग शामिल हैं।
ग्रामीण आबादी क्षेत्र में संपत्तियों का ड्रोन सर्वेक्षण कर सरकार ग्रामीणों को उनकी संपत्ति के स्वामित्व कार्ड दे रही है। पंचायतीराज मंत्रालय द्वारा वर्ष 2020 में शुरू की गई इस योजना के तहत अब बड़ी संख्या में स्वामित्व संपत्ति कार्ड बनाए गए हैं। ऐसी 57 लाख संपत्तियों के कार्ड वर्चुअल माध्यम से 27 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वितरित करेंगे।
वह योजना के कुछ लाभार्थियों से संवाद भी करेंगे। पंचायतीराज मंत्रालय ने स्वामित्व योजना के तहत छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश सहित केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के 46,351 गांवों की 57 लाख संपत्तियों के कार्ड बनाए हैं।
वर्चुअल माध्यम से इनका वितरण करने के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी योजना को लेकर कुछ लाभार्थियों से उनके अनुभव जानते हुए संवाद करेंगे। साथ ही पीएम देशवासियों को भी संबोधित करेंगे।
उल्लेखनीय है कि इस योजना की शुरुआत इस उद्देश्य के साथ की गई कि गांवों में संपत्ति को लेकर होने वाले विवादों में यथासंभव कमी आए और गांव की संपत्ति का सटीक मूल्यांकन व दस्तावेजीकरण होने के बाद आवश्यकता पड़ने पर ग्रामीण बैंक से कर्ज भी ले सकें। इसके अलावा सरकार का सोच पूरे गांव के ड्रोन सर्वे के बाद उसके आधार पर बेहतर ग्राम पंचायत विकास योजना आदि बनाने को लेकर भी है।