सरकार को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए जगह की तलाश
भोपाल। भोपाल में दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) का आयोजन नए साल में 24 और 25 फरवरी को होने जा रहा है। इस आयोजन के लिए अब सरकार द्वारा…
भोपाल। भोपाल में दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) का आयोजन नए साल में 24 और 25 फरवरी को होने जा रहा है। इस आयोजन के लिए अब सरकार द्वारा जगह की तलाश की जा रही है। इस बार इसका आयोजन इंदौर की जगह भोपाल में प्रस्तावित है। इस आयोजन को लेकर सरकार के सामने सबसे बड़ी समस्या भोपाल में जगह को लेकर आ रही है। दरअसल, इस आयोजन के लिए कोई अच्छी जगह नहीं मिल पा रही है, जिसमें प्र्याप्त जगह हो। इसकी वजह है सरकार द्वारा बड़े स्तर पर ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आयोजित करने की तैयारी की जाना। राजधानी में प्राय: सभी बड़े सरकारी आयोजन भोपाल में कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर और रवींद्र भवन में ही होते हैं।
मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि उद्योग विभाग के अधिकारी राजधानी में जीआईएस के आयोजन को लेकर संभावित सभी स्थानों का निरीक्षण कर चुके हैं, लेकिन उन्हें आयोजन की गरिमा के अनुरूप कोई भी स्थान पसंद नहीं आ रहा है। जीआईएस कहां आयोजित की जाए, इसको लेकर उच्च स्तर पर मंथन का दौर चल रहा है। वाइब्रेंट गुजरात की तर्ज पर प्रदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की शुरुआत तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्ष 2007 में की थी। पहली समिट इंदौर में हुई। इसके बाद हर दो साल में यह यही होती रही।
मैग्निफिसेंट एमपी के अलावा अब तक सात समिट यहां हो चुकी हैं। अगले साल फरवरी में आठवीं समिट की तैयारी है, लेकिन इसका आयोजन भोपाल में होगा। गौरतलब है कि 2018 में विधानसभा चुनाव होने के कारण समिट नहीं हो पाई थी। कांग्रेस की सरकार बनी और तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा 2019 में मैग्निफिसेंट एमपी के नाम आयोजन करवाया गया था। 2020 और 2021 में कोरोना के कारण समिट नहीं हुई। निवेशकों को आकर्षित करने के लिए प्रदेश में अब तक 6 संभागीय मुख्यालयों पर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित की जा चुकी है। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव, रोड शो और सीएम के यूके जर्मनी दौरे के जरिए मप्र को करीब 4 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इनसे 3 लाख से अधिक रोजगार सृजन होगा। उज्जैन में हुई आरआईसी में एक लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिले।
भोपाल में आयोजन की यह है वजह
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को इस बार इंदौर की जगह भोपाल में करने के पीछे की मुख्य वजह यह बताई जा रही है कि यहां पर पूरा सरकारी तंत्र रहता है। इंदौर में आयोजन होता है, तो पूरे सरकारी तंत्र को वहां ले जाना पड़ता है। इसके चलते चुनिंदा अधिकारी ही वहां पहुंच पाते हैं। यही आयोजन राजधानी में होने से सभी विभाग और पूरे तंत्र से आसानी से समन्वय स्थापित हो सकेगा। विभाग के सभी अधिकारी और जरूरी कर्मचारी इसमें शामिल होकर निवेशकों के लिए हर समय मौजूद रहेंगे। वहीं, निवेश प्रस्तावों पर भी तत्काल निर्णय लिया जा सकेगा। इसके अलावा इस बार सरकार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की ब्रांडिंग विदेशी निवेशकों के बीच भी करना चाहती है। समिट में विदेशी इन्वेस्टर्स को आमंत्रित किया गया है।