भारत से विवाद और ट्रंप से मुलाकात के बाद कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो दे सकते हैं इस्तीफा
कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो को भारत से पंगा लेना महंगा पड़ता दिख रहा है। खबर है कि ट्रूडो आज ही इस्तीफा दे सकते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को…
कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो को भारत से पंगा लेना महंगा पड़ता दिख रहा है। खबर है कि ट्रूडो आज ही इस्तीफा दे सकते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को कनाडाई मंत्रियों की बैठक से पहले ही ट्रूडो को ये घोषणा करनी है, इसलिए वो आज ही इस्तीफा दे सकते हैं।
सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो सोमवार को इस्तीफा देने की घोषणा कर सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि उम्मीद है कि वह लिबरल पार्टी के नेता के रूप में इस्तीफा दे देंगे।
सूत्रों ने बताया कि ट्रूडो कब पद छोड़ने की अपनी योजना की घोषणा करेंगे ये अभी साफ नहीं है, लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह बुधवार को एक प्रमुख राष्ट्रीय कॉकस बैठक से पहले होगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह स्पष्ट नहीं है कि ट्रूडो तुरंत पद छोड़ देंगे या नए नेता का चयन होने तक प्रधानमंत्री पद पर बने रहेंगे। ट्रूडो ने 2013 में लिबरल नेता के रूप में पदभार संभाला था जब पार्टी गहरे संकट में थी और पहली बार हाउस ऑफ कॉमन्स में तीसरे स्थान पर आ गई थी।
दरअसल, ट्रूडो के इस्तीफे का कारण ये है कि उनकी पार्टी चुनाव से पहले हुए सर्वेक्षणों में उदारवादी कंजर्वेटिवों से बुरी तरह हार रही है।
बता दें कि ट्रूडो ने कुछ दिनों पहले ही अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की थी। उन्होंने अमेरिका से संबंध सुधारने की कोशिश की थी, लेकिन ट्रंप से उन्हें कोई खास प्रतिक्रिया नहीं मिली।
जल्द ही चुनाव कराने की उठ सकती मांग
अगर कनाडाई पीएम इस्तीफे देते हैं तो जल्द ही वहां चुनाव कराने की मांग उठने की संभावना है। एक सूत्र ने बताया कि पीएम ट्रूडो ने वित्त मंत्री डोमिनिक लेब्लांक के साथ चर्चा की है कि क्या वह अंतरिम नेता और प्रधानमंत्री का चेहरा दोनों हो सकते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि अगर वो नेतृत्व के लिए योजना बनाते हैं तो यह अव्यवहारिक होगा।
भारत से दुश्मनी पड़ी महंगी
ट्रूडो सरकार के हाल ही में भारत सरकार के साथ भी संबंध खराब हो गए थे। खालिस्तानी समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद ट्रूडो सरकार ने इसमें भारत का हाथ बताया था, जिसके बाद भारत ने करारा जवाब दिया था।
यहां तक की कनाडा के राजनयिक को भी भारत ने वापस भेज दिया था, जिसके बाद कनाडा ने भी ऐसा किया।