विधान सभा चुनाव से पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा ने खेला दांव

झारखंड । हूल दिवस के अवसर पर रविवार को राज्यवासियों ने ब्रिटिश सरकार और महाजनी प्रथा के विरुद्ध 1855 में क्रांति छेड़ने वाले वीर बलिदानियों को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि…

विधान सभा चुनाव से पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा ने खेला दांव

झारखंड । हूल दिवस के अवसर पर रविवार को राज्यवासियों ने ब्रिटिश सरकार और महाजनी प्रथा के विरुद्ध 1855 में क्रांति छेड़ने वाले वीर बलिदानियों को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। मुख्य समारोह वीर सिदो-कान्हू की जन्मस्थली साहिबगंज जिले के भोगनाडीह में आयोजित हुआ।यहां मुख्यमंत्री चंपई सोरेन और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सिदो-कान्हो, चांद-भैरव और फूलो-झानो की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री चंपई सोरेन सरायकेला के राजनगर क्षेत्र के कुमडीह और गमदेसाई भी गए और वहां सिदो-कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी।

इस मौके पर चंपई सोरेन ने कहा है कि अगले दो महीने में राज्य में बम्पर बहाली होने वाली हैं। करीब 50 हजार शिक्षकों की बहाली इस अवधि में की जाएगी। पुलिस की बहाली भी शुरू होने वाली है। इसी तरह अगस्त महीने से राज्य की 21 से 50 साल तक की महिलाओं को सरकार 1000 रुपये पेंशन देने की योजना लागू करेगी।इसके अलावा अब राज्य के 33 लाख गरीबों को 15 लाख रुपये तक स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार शीघ्र ही 20 लाख परिवारों को अबुआ आवास उपलब्ध कराएगी। भोगनाडीह में मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के लोगों ने कभी किसी की अधीनता स्वीकार नहीं की।यह धरती हमारे पूर्वजों की बलिदान पर बनी है। जिस तरह सिदो-कान्हू, चांद-भैरव ने अंग्रेजों से लड़ाई लड़कर अपनी जमीन की रक्षा की, उसी तरह दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने झारखंड आंदोलन किया और अलग राज्य मिला।