आयुष विभाग का टेंडर दिलाने के नाम पर महिलाकर्मी ने हड़पे सवा करोड़

भोपाल। आयुष विभाग में संविदा पर नियुक्त एक महिला कर्मचारी ने 65 करोड़ का ठेका दिलाने के नाम पर एक कंपनी संचालक से सवा करोड़ रूपये हड़प लिये। इस राशि में…

आयुष विभाग का टेंडर दिलाने के नाम पर महिलाकर्मी ने हड़पे सवा करोड़

भोपाल। आयुष विभाग में संविदा पर नियुक्त एक महिला कर्मचारी ने 65 करोड़ का ठेका दिलाने के नाम पर एक कंपनी संचालक से सवा करोड़ रूपये हड़प लिये। इस राशि में से महिला कर्मचारी ने 15 लाख रूपये अपने खाते में ले लिये। इसके अलावा शेष रकम 01 करोड़ 10 लाख रूपये नगद लिये। राजधानी में यह अपनी तरह का पहला मामला है जिसमें संविदाकर्मी ने इतनी मोटी रकम हजम की है।

बिलखिरिया थाना प्रभारी उमेश चैहान के मुताबिक ए-2/405 प्रधानमंत्री आवास योजना कोकता आरटीओ के पास रहने वाले धर्मवीर सिंह सेंगर सिक्युरिटी कंपनी चलाते है। उनका काम शासकीय विभागों में सिक्युरिटी गार्ड एवं मैन पावर सप्लाई का हैं। कंपनी की साख इतनी अच्छी है कि, उसे आल इंडिया में काम करने का मौका मिला हैं। कंपनी का नाम सेंगर सिक्युरिटी एण्ड सर्विसेज प्रा.लि. हैं कंपनी ने पिछले वर्ष 2023 में प्रदेश के आयुष विभाग के टेंडर में भागीदारी की थी। जिसमें ठेका दिलाने का दावा म.नं. 604-9 बी साकेत नगर निवासी श्रीमती प्रगति श्रीवास्तव पति चन्द्रप्रकाश श्रीवास्तव ने किया ओर भरोसा दिलाया कि, उसकी आयुष विभाग में बहुत पहुंच हैं। प्रगति श्रीवास्तव ने उस वक्त अपना परिचय आयुष विभाग में काम करने का दिया था, इसके बाद वह दो तीन बार मिली, और उसने विभाग में पेंडिंग बिलों का भुगतान करा दिया। इससे उस पर भरोसा हो गया कि, वह आयुष विभाग में सिक्युरिटी एवं मेन पावर का संपूर्ण कार्य दिला देगी। इसके एवज में उसने सवा करोड़ रूपये की मांग की थी, चूंकि आयुष विभाग में 60 करोड़ का ठेका मिलने वाला था सो उसकी बात मान ली गई। सारी बात होने के बाद प्रगति श्रीवास्तव ने बैंक एकाउंट नंबर दिया और कहा कि, इसमें 15 लाख रूपये डाल दीजिये। शिकायतकर्ता ने 14 अगस्त 2023 को खाता नंबर-116785800000094 यस बैंक इन्द्रपुरी में डाल दिये।

इसके बाद प्रगति श्रीवास्तव ने काम की प्रोगेस बताते हुए कहा कि, अब मुझे एक करोड़ 10 लाख रूपये कैश चाहिये। यह राशि शिकायतकर्ता ने अपने दोस्तों से इकट्ठा कर 11 अक्टूबर 2023 को प्रगति श्रीवास्तव को दे दी। यह रकम उसने अपने दो दोस्तों के सामने प्रगति श्रीवास्तव को दी थी इस दौरान् दोनों दोस्त विनोद एवं विपिन पोखरियाल साथ थे जिनके सामने प्रगति श्रीवास्तव ने रकम हासिल की। यह राशि 11 अक्टूबर 2023 को कोकता स्थित आरटीओ आफिस के पास दी गई थी। पैसे देने के कुछ समय तक तो प्रगति श्रीवास्तव शिकायतकर्ता से बात करती रही किन्तु जब आयुष विभाग का टेण्डर हुआ तो वो टेंडर कंपनी को नहीं मिला।  इसके बाद शिकायतकर्ता ने प्रगति श्रीवास्तव से कहा कि, आपने इतनी मोटी रकम ले ली और काम तो हुआ नहीं तो प्रगति टाल मटोल करने लगी, जिससे उस पर शक हुआ। 

शिकायतकर्ता ने जानकारी जुटाई तो पता चला कि, प्रगति श्रीवास्तव के पिता स्व. आर. डी. सक्सेना पत्रकार थे और वे भ्रष्टाचारियों के काले कारनामे की ‘‘खबर’’ नामक साप्ताहिक अखबार चलाते थे जिनके खाते में प्रगति ने 15 लाख रूपये लिये हैं। उक्त अखबार आर.एन.आई. विभाग दिल्ली की वेबसाइट पर बंद दिखाया जा रहा है, यह जानकारी मिलने पर शिकायतकर्ता के होश उड़ गये और उसे लगा कि प्रगति ने उसके साथ धोखाधड़ी की है। यह बात उसे बताई तो वह उलटे शिकायतकर्ता को झूठे केस में फंसाने की धमकी देने लगी। इससे साफ समझ आ गया कि, प्रगति श्रीवास्तव ने शिकायतकर्ता के साथ सवा करोड़ की धोखाधड़ी की है। इस घटना की शिकायत पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से दो माह पूर्व की गई थी जिसकी जांच करने के बाद पुलिस ने आरोपी महिला के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया।