श्रीलंका में आर्थिक सुधार की दिशा में बड़ा कदम, कारों के आयात पर से हटाया प्रतिबंध

आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका ने अब कारों के आयात से प्रतिबंध हटा लिया है। पिछले सप्ताह श्रीलंका ने ट्रकों, बसों और डबल कैब के आयात की अनुमति दी…

श्रीलंका में आर्थिक सुधार की दिशा में बड़ा कदम, कारों के आयात पर से हटाया प्रतिबंध

आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका ने अब कारों के आयात से प्रतिबंध हटा लिया है। पिछले सप्ताह श्रीलंका ने ट्रकों, बसों और डबल कैब के आयात की अनुमति दी थी।

शुक्रवार को राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने एक विशेष राजपत्र अधिसूचना जारी करके वाहन आयात पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया। इसके बाद कोरोना प्रकोप के साथ 2020 की शुरुआत में लगाए गए वाहन आयात पर प्रतिबंध पूरी तरह से समाप्त हो गया है। बताया जाता कि वाहनों के आयात शुल्क पर 50 प्रतिशत का सरचार्ज लगेगा। इससे कीमतें बढ़ने की उम्मीद है। राष्ट्रपति दिसानायके ने पहले घोषणा की थी कि 1.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर वाहन आयात के लिए आरक्षित किए जाएंगे। 

2022 में पहली बार डिफॉल्ट हुआ था द्वीप राष्ट्र
श्रीलंका ने 2022 में पहली बार आधिकारिक तौर पर ऋण चुकाने में असमर्थता जताई थी। इसके बाद देश में आर्थिक संकट पैदा हुआ। भोजन, ईंधन और गैस की किल्लत हो गई थी। लोग सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने लगे थे। इन विरोध प्रदर्शनों के कारण तब के राष्ट्रपति गोटाबया राजपक्षे को देश छोड़ना पड़ा था। इसके बाद रानिल विक्रमसिंघ ने राष्ट्रपति का पद संभाला और अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष  (आईएमएफ) से मदद हासिल करने के लिए बातचीत शुरू की। मार्च 2023 में श्रीलंका को बेलआउट पैकेज मिला। 

आईएमएफ से समझौता और आर्थिक सुधार
श्रीलंका ने आईएमएफ से 2.9 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज हासिल किया था। आईएमएफ ने हाल ही में तीसरी बार समीक्षा की, जिसमें श्रीलंका सफल रहा। इसके अलावा श्रीलंका ने 14.2 अरब डॉलर का ऋण पुनर्गठन समझौता भी किया, जो आईएमएफ की शर्तों को पूरा करने के लिए जरूरी था। अब श्रीलंका को आईएमएफ की शर्तों का पालन करना है ताकि अर्थव्यवस्था में 2022 जैसी दूसरी गिरावट से बचा जा सके। उसे विदेशी मुद्रा भंडार को बनाए रखना और बढ़ाना होगा। प्रतिबंध हटने के बाद श्रीलंका को कई फायदे होंगे।