छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर ‘ऑपरेशन संकल्प’ में 31 नक्सली ढेर, 20 की हुई पहचान : पुलिस

कर्रेगुट्टा हिल्स छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर कर्रेगुट्टा हिल्स के आसपास के घने जंगलों में ‘ऑपरेशन संकल्प’ के दौरान 31 संदिग्ध नक्सलियों के शव बरामद किए हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस ने सोमवार को…

छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर ‘ऑपरेशन संकल्प’ में 31 नक्सली ढेर, 20 की हुई पहचान : पुलिस

कर्रेगुट्टा हिल्स

छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर कर्रेगुट्टा हिल्स के आसपास के घने जंगलों में ‘ऑपरेशन संकल्प’ के दौरान 31 संदिग्ध नक्सलियों के शव बरामद किए हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस ने सोमवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि नक्सली कब मारे गए। बीजापुर के एसपी जितेंद्र यादव ने कहा कि ऑपरेशन के बारे में डिटेल जानकारी बुधवार को बीजापुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शेयर की जाएगी।

पुलिस ने बताया कि 31 मृतक नक्सलियों में से 20 की पहचान कर ली गई है। पहचाने गए 20 में से 11 नक्सलियों के शव पोस्टमॉर्टम और अन्य कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उनके परिवारों को सौंप दिए गए हैं।

बीजापुर पुलिस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, “बाकी 11 शवों की पहचान की प्रक्रिया चल रही है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद उनके शव भी उनके परिजनों को दे दिए जाएंगे।”

3 अप्रैल को इसी ऑपरेशन में एक महिला नक्सली मारी गई थी, जिसकी पहचान अब तक नहीं हो पाई है। इससे पहले सुरक्षा बलों ने 24 अप्रैल को इसी क्षेत्र में 3 महिला नक्सलियों को मार गिराया गया था और हथियारों, विस्फोटकों और अन्य सामग्रियों का एक बड़ा जखीरा जब्त किया गया था। बता दें कि, इस क्षेत्र में ‘ऑपरेशन संकल्प’ नाम से 21 अप्रैल को अभियान शुरू हुआ था।

नाम नहीं बताने की शर्त पर एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ''अब तक दक्षिण-पश्चिम बस्तर में चल रहे नक्सल विरोधी ऑपरेशंस में हमें अच्छे परिणाम मिले हैं। सभी सुरक्षा बल सुरक्षित हैं और बस्तर क्षेत्र को सेफ और सिक्योर बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। ऑपरेशन अब भी चल रहा है, इसलिए सुरक्षा कारणों से अभी इसके बारे और डिटेल का खुलासा नहीं किया जा सकता। अधिकृत अधिकारी सही समय पर आगे की जानकारी शेयर करेंगे।''

महिला माओवादी की पहचान नहीं
ऑपरेशन में मारी गई एक महिला माओवादी की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। इससे पहले, 24 अप्रैल को, उसी क्षेत्र में तीन महिला माओवादियों को मार गिराया गया था और हथियारों, विस्फोटकों और अन्य सामग्रियों का एक महत्वपूर्ण जखीरा जब्त किया गया था।

सही समय पर मिलेगी और जानकारी
एक पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सुरक्षा बलों को इस ऑपरेशन में अच्छी सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि सभी सुरक्षा बल सुरक्षित हैं और बस्तर क्षेत्र को सुरक्षित रखने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सही समय आने पर और जानकारी दी जाएगी।

इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने कहा कि इस ऑपरेशन में 28,000 से अधिक सुरक्षा बलों को शामिल किया गया था और 21 अप्रैल से अब तक करीब 35 मुठभेड़ हो चुकी हैं।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "हमने 400 से अधिक आईईडी और करीब 40 हथियार तथा लगभग 2 टन विस्फोटक सामग्री बरामद की है।"

इस ऑपरेशन को बस्तर में सबसे बड़े आतंकवाद विरोधी अभियानों में से एक बताया जा रहा है, जिसमें छत्तीसगढ़ पुलिस के जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), बस्तर फाइटर्स, स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और इसकी विशिष्ट कोबरा यूनिट सहित विभिन्न यूनिटों के करीब 28,000 जवान शामिल हैं।
नक्सली गढ़ में ऑपरेशन से बड़ी चोट

तेलंगाना स्टेट कमेटी और भारी हथियारों से लैस ‘बटालियन नंबर 1’ के नेताओं सहित टॉप नक्सली लीडर्स की मौजूदगी के बारे में खुफिया जानकारी मिलने के बाद अधिकारियों ने यह ऑपरेशन शुरू किया था। ‘बटालियन नंबर 1’ नक्सलियों की सबसे मजबूत मिलिट्री विंग मानी जाती है। पुलिस के अनुसार, कर्रेगुट्टा हिल्स का इलाका बटालियन नंबर 1 का गढ़ है। खुफिया रिपोर्टों से पता चलता है कि ऑपरेशन के दौरान कई सीनियर नक्सली कैडर मारे गए हैं या गंभीर रूप से घायल हुए हैं। अब तक सैकड़ों नक्सली ठिकाने और बंकर नष्ट कर दिए गए हैं और बड़ी मात्रा में विस्फोटक, डेटोनेटर, खाद्य आपूर्ति और दैनिक उपयोग की वस्तुएं बरामद की गई हैं। एसटीएफ, डीआरजी और कोबरा यूनिट के छह सुरक्षाकर्मी अलग-अलग प्रेशर आईईडी विस्फोट की घटनाओं में घायल हो गए, लेकिन बताया जा रहा है कि वे खतरे से बाहर हैं।

ताजा कार्रवाई के साथ, इस साल अब तक छत्तीसगढ़ में अलग-अलग एनकाउंटरों में 168 नक्सली मारे जा चुके हैं। इनमें से 151 नक्सली बस्तर डिवीजन में मारे गए, जिसमें बीजापुर समेत सात जिले शामिल हैं।