टेंडर कमीशन घोटाले में अब तक 44.07 करोड़ की अचल संपत्ति जब्त, ED ने किया खुलासा

टेंडर वर्क ऑर्डर कमीशन घोटाले में ईडी ने अब तक 44.07 करोड़ की अचल संपत्ति जब्त की है। सबसे पहले ग्रामीण कार्य विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम की…

टेंडर कमीशन घोटाले में अब तक 44.07 करोड़ की अचल संपत्ति जब्त, ED ने किया खुलासा

टेंडर वर्क ऑर्डर कमीशन घोटाले में ईडी ने अब तक 44.07 करोड़ की अचल संपत्ति जब्त की है। सबसे पहले ग्रामीण कार्य विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम की 23 फरवरी 2023 को गिरफ्तारी हुई थी। ईडी ने वीरेंद्र राम के पास अवैध तरीके से सवा सौ करोड़ की संपत्ति अर्जित करने का खुलासा किया था।

अनुसंधान के दौरान ईडी ने 18 अप्रैल 2023 को वीरेंद्र राम की 39 करोड़, 28 लाख, 82 हजार 578 रुपये की संपत्ति अस्थाई रूप से जब्त की थी। इस जब्ती को नौ अक्टूबर 2023 को एडजुकेटिंग अथारिटी ने कंफर्म भी किया था।

इसी केस में ईडी ने वीरेंद्र राम के चार्टर्ड अकाउंटेंट मुकेश मित्तल की 35 लाख 77 हजार 117 रुपये 94 पैसे की संपत्ति को अस्थाई रूप से जब्त किया था, जिसे 29 दिसंबर 2023 को एडजुकेटिंग अथॉरिटी ने कंफर्म किया था। अब ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव रहे संजीव लाल, संजीव लाल की पत्नी व उनके नौकर से जुड़ी चार करोड़ 42 लाख 55 हजार की संपत्ति जब्त की है।

हरेक टेंडर में ठेकेदार से लिया जाता था कमीशन- वीरेंद्र राम

संजीव कुमार लाल 11 मार्च 2021 को ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव बने थे। वे छह मई 2024 तक इस पद पर रहे। वीरेंद्र राम के अनुसार, प्रत्येक टेंडर के वर्क ऑर्डर के एवज में ठेकेदार से कुल टेंडर का 3.2 प्रतिशत कमीशन लिया जाता था।

इसमें वीरेंद्र राम को 0.3 प्रतिशत से एक प्रतिशत तक मिलता था। शेष ऊपर में बंटता था। इसमें मंत्री आलमगीर आलम का कमीशन 1.5 प्रतिशत था।अनुसंधान में यह खुलासा हुआ है कि सितंबर 2022 में आलमगीर आलम को ग्रामीण कार्य विभाग के अभियंताओं ने उनके निजी सचिव संजीव लाल के माध्यम से कमीशन के तीन करोड़ रुपये दिए थे। संजीव लाल व संजीव लाल का नौकर जहांगीर आलम कमीशन की राशि वसूलते थे।

घोटाले में इनके विरुद्ध दाखिल हो चुकी चार्जशीट

टेंडर वर्क आर्डर कमीशन घोटाले में वीरेंद्र कुमार राम, आलोक रंजन, राजकुमारी देवी, गेंदा राम पर 21 अप्रैल 2023 को चार्जशीट दाखिल हुई थी। इसपर 29 अप्रैल 2023 को पीएमएलए कोर्ट ने संज्ञान लिया था। ईडी ने पूरक आरोप पत्र 20 अगस्त 2023 को मुकेश मित्तल, तारा चंद, नीरज मित्तल, राम प्रकाश भाटिया, हरिश यादव, हृदया नंद तिवारी पर किया था।

अब ईडी ने चार जुलाई को पूर्व मंत्री आलमगीर आलम, उनके निजी सचिव संजीव लाल व संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम पर चार्जशीट की है।

छह-सात मई को छापेमारी में बरामद बड़ी राशि

– जहांगीर आलम के फ्लैट नंबर 1ए, प्रथम तल्ला, बी-ब्लाक, सर सैय्यद रेसिडेंसी, कुम्हारटोली रांची से 32 करोड़ 20 लाख रुपये नकद।
– मुन्ना सिंह के काश्मीरी गली, पीपी कंपाउंड स्थित फ्लैट 1ए से 2.93 करोड़ रुपये।
– संजीव कुमार लाल के बूटी रोड स्थित रानी अस्पताल के सामने फ्लैट नेबर डी-4 से दस लाख पांच हजार रुपये।
– विकास कुमार के न्यू हाउसिंग कालोनी, सेल सिटी स्थित फ्लैट नंबर डी3-2बी से एक लाख रुपये।
– राजीव कुमार सिंह के मेकान वाटिका, कल्याणपुर हटिया स्थित ई-4 आवास से 2.13 करोड़ रुपये।
– अजय तिर्की के बीआइटी मेसरा के समीप केदल गांव से 6 लाख 38 हजार 500 रुपये।
– संतोष कुमार के डोरंडा में केनरा बैंक के समीप वसुंधरा अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 304 से आठ लाख रुपये।
– संजीव कुमार लाल के प्रोजेक्ट भवन के द्वितीय तल्ला में कमरा नंबर 217 स्थित कार्यालय से एक लाख 75 हजार 500 रुपये।
संजीव लाल ने अपने-अपनी पत्नी के नाम पर खरीदी यह संपत्ति
– संजीव लाल के नाम पर तीन अप्रैल 2023 को बरियातू बड़गाईं में खरीदी गई 16.52 डिसमिल आवासीय भूमि। इसकी कीमत 81 लाख 55 हजार 100 रुपये है।

– पत्नी रीता लाल के नाम पर 22 नवंबर 2017 को सीता निकेत कांके में खरीदा गया 1950 वर्ग फीट फ्लैट। इसकी कीमत 59 लाख 05 हजार 65 रुपये है।

– रीता लाल के नाम पर 20 फरवरी 2024 में पुंदाग नगड़ी रांची में खरीदी गई 8.60 डिसमिल जमीन खरीदी। इसके एवज में बैंक के माध्यम से 24 लाख 50 हजार रुपये का भुगतान किया गया था। इस भूखंड की असली कीमत 47 लाख 30 हजार रुपये थी। इनमें रीता लाल ने 22 लाख 80 हजार रुपये का भुगतान नकदी में किया था।

– रीता लाल के नाम पर 22 जून 2011 व 20 अप्रैल 2011 को खूंटी के मुरहू अंचल के बिचना स्थित पेलोल गांव में 3.56 एकड़ कृषि भूमि। इसकी कीमत 22 लाख 25 हजार रुपये है।

जहांगीर आलम ने बताया- दोस्तों से कर्ज लेकर खरीदा फ्लैट
ईडी को छानबीन में जहांगीर आलम के नाम पर 18 नवंबर 2023 को सर सैय्यद रेसिडेंसी में 995 वर्गफीट का फ्लैट नंबर 1ए, ब्लाक बी खरीदा गया था। यह फ्लैट 38 लाख में खरीदी गई थी। उसने ईडी को पूछताछ में बताया था कि उसने यह फ्लैट दोस्तों, संबंधियों से ऋण लेकर खरीदा था और उन्हें नकदी में भुगतान किया था।

जहांगीर आलम ने पूछताछ में स्वीकारा कि उसने दस लाख रुपये उमर इब्राहिम, दस लाख रुपये मोहम्मद आसिफ से लिया। उसने 14 जून 2023 से 24 जुलाई 2023 के बीच 12 लाख 50 हजार रुपये जमा किया। बाद में उसने 12 लाख रुपये स्थानांतरण भी किया।

उसने यह स्वीकारा कि उसे संजीव कुमार लाल नकदी में रुपये देते रहते थे। जहांगीर आलम ने संजीव कुमार लाल से भी 16 लाख 20 हजार रुपये लिया, जिसे फ्लैट खरीदने में उपयोग किया।

जहांगीर आलम के एचडीएफसी बैंक खाता 99998210629702 में 14 जून 2023 को ढाई लाख, 22 जून 2023 को ढाई लाख, 26 जून 2023 को ढाई लाख, एक जुलाई 2023 को दो लाख, चार जुलाई 2023 को दो लाख, 24 जुलाई 2023 को एक लाख 10 हजार रुपये जमा हुए थे।

उसने 16 नवंबर 2023 को 12 लाख रुपये की निकासी की थी। जहांगीर आलम ने 23 फरवरी 2024 को पुंदाग रांची में 9.75 डिसमिल जमीन खरीदी। इसके लिए उसने 25 लाख 71 हजार रुपये का भुगतान किया। इसमें 25 लाख 20 हजार रुपये बैंक से व 51 हजार रुपये नकदी भुगतान किया था। इसमें आकाश कुमार की 8.25 डिसमिल जमीन थी, जिसके लिए 24 लाख 75 हजार रुपये का भुगतान किया था।

वहीं, एजाज खान की 1.5 डिसमिल जमीन के एवज में 45 हजार रुपये का भुगतान किया था। इस प्लाट की वास्तविक कीमत 72 लाख 25 हजार रुपये थी। इस प्रकार जहांगीर आलम ने विक्रेता को 46 लाख 54 हजार रुपये नकदी में भुगतान किया था।