हमास ने छेड़ा ‘वित्तीय जिहाद’, हर महीने मिल रहे करोड़ों रुपये; मुश्किल में इजरायल…

फिलिस्तीन के गाजा पट्टी पर नियंत्रण रखने वाले आतंकी संगठन हमास को लेकर इजरायल ने बड़ा दावा किया है। इजरायल का मानना है कि युद्ध शुरू होने के बाद से…

हमास ने छेड़ा ‘वित्तीय जिहाद’, हर महीने मिल रहे करोड़ों रुपये; मुश्किल में इजरायल…

फिलिस्तीन के गाजा पट्टी पर नियंत्रण रखने वाले आतंकी संगठन हमास को लेकर इजरायल ने बड़ा दावा किया है।

इजरायल का मानना है कि युद्ध शुरू होने के बाद से हमास को मिलने वाले डोनेशन में कई गुना वृद्धि हुई है और अब उसे करोड़ों रुपये महीने मिल रहे हैं।

इजरायली अधिकारियों ने दावा किया कि हमास को ये पैसे ऑनलाइन मिल रहे हैं।

पैसे गाजा में नागरिकों की मदद करने के लिए दान देने वाले संगठनों के जरिए आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमास को हर महीने 80 लाख डॉलर से लेकर 1.2 करोड़ डॉलर (करीब एक अरब रुपये) मिल रहे हैं।

अधिकारी का कहना है कि 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमले से पहले हमास को जो ऑनलाइन फंडिंग मिल रही थी उसकी तुलना में कई गुना वृद्धि हुई है।

इजरायली वित्तीय-खुफिया अधिकारियों ने ब्लूमबर्ग को बताया कि हमास को ऑनलाइन-डोनेशन चलाने वाली साइटों से जमकर पैसा मिलता है। अधिकारी ने दावा किया कि अमेरिका को भी इसकी जानकारी है।

हर तरफ हुआ खून-खराबा

गौरतलब है कि पिछले साल 7 अक्टूबर को इजरायल में हमास के हमले में 1,200 से अधिक लोग मारे गए थे और लगभग 250 अन्य लोगों का अपहरण कर लिया गया।

इसके बाद नवंबर में एक सप्ताह के लिए संघर्ष विराम हुआ था जिसमें इजराइल द्वारा कैद किए गए 240 फलस्तीनियों की रिहाई के बदले में 100 से अधिक लोगों को रिहा किया गया था।

हमास द्वारा संचालित क्षेत्र के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायल ने जवाबी कार्रवाई कर हजारों लोगों को मार डाला।

उन्होंने कहा कि इजरायली हमले ने बड़े स्तर पर विनाश किया है और अनुमानित तौर पर गाजा की 85 प्रतिशत आबादी विस्थापित हो गई है, जबकि 25,000 से अधिक फलस्तीनियों की मौत हो गई है। 

हमास की फंडिंग पर नजर रखना मुश्किल

हालांकि इंटरनेशनल प्रेशर के बावजूद इजरायल रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इजरायल का मकसद हमास को पूरी तरह खत्म करना है।

अब इस यहूदी देश की नजरें हमास को मिलने वाले चंदे पर है। लेकिन हमास की फंडिंग पर नजर रखना बेहद मुश्किल है। क्योंकि यह अनुभवी संगठन वर्षों से तमाम तरह के प्रतिबंधों को चकमा देता आ रहा है।

वाशिंगटन इंस्टीट्यूट फॉर नियर ईस्ट पॉलिसी के फेलो मैथ्यू लेविट ने बताया, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि गाजा युद्ध के मद्देनजर फिलिस्तीनियों को वैध और नाजायज दोनों तरह का दान मिल रहा है और इसमें तेजी से वृद्धि हुई है।”

उन्होंने कहा कि दान देने में लोगों की दिलचस्पी हमास के लिए फायदे का काम कर रही है। मैथ्यू ने बताया, “मैंने कई ऐसी चैरिटीज को सामने आते देखा है जिन पर अमेरिका ने पहले प्रतिबंध लगाया था, लेकिन अब वे कुछ नए नामों के जरिए हमास को डोनेशन दे रहे हैं। लेकिन बहुत सारे नए संगठन भी सामने आए हैं जो हमास को खुलकर डोनेशन दे रहे हैं।”

“यह एक वित्तीय जिहाद है”

बता दें कि डोनेशन में वृद्धि के पीछे हमास की भावुक अपील ने भी बड़ा काम किया है। हमास के अधिकारियों ने सार्वजनिक रूप से इजरायल के खिलाफ अपनी लड़ाई के लिए कैश की मांग की थी। हमास नेता इस्माइल हनीयेह ने कहा था, “यह सिर्फ एक मानवीय मुद्दा नहीं है। इसका बहुत बड़ा महत्व है। यह एक वित्तीय जिहाद है।”

इजरायली अधिकारियों का कहना है कि युद्ध से पहले, ये दान धर्मार्थ संस्थाओं (चैरिटीज) को दिया जाता था। इसके बाद ये पैसा मदद करने वाले संगठनों सहित विभिन्न तरीकों से हमास तक पहुंचता था।

हमास गाजा के स्थानीय व्यापारियों से भी पैसे मंगाता था। हालांकि, यह तय कर पाना बेहद मुश्किल है कि ये पैसा लीगल है या इससे केवल हमास की मदद हो रही है।

रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली और अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि हमास अन्य देशों में मौजूद संगठनों के जरिए भी पैसे जुटा रहा है। हैरान करने वाली बात है कि ये संगठन खुलेतौर पर हमास से नहीं जुड़े हैं।