हरेला पर्व पर गंगा समग्र उत्तराखंड द्वारा आसन नदी के तट पर 500 वृक्षों का रोपण

देहरादून। हरेला पर्व के अवसर पर गंगा समग्र उत्तराखंड प्रांत द्वारा हरबर्टपुर में आसन नदी के तट पर 500 वृक्षों का रोपण किया गया। इस कार्यक्रम में हरिशंकरी और अन्य…

हरेला पर्व पर गंगा समग्र उत्तराखंड द्वारा आसन नदी के तट पर 500 वृक्षों का रोपण

देहरादून। हरेला पर्व के अवसर पर गंगा समग्र उत्तराखंड प्रांत द्वारा हरबर्टपुर में आसन नदी के तट पर 500 वृक्षों का रोपण किया गया। इस कार्यक्रम में हरिशंकरी और अन्य 500 पौधों का रोपण किया गया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य स्थानीय लोगों को वृक्षों के महत्व को समझाना और उन्हें पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना था।
कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि किस प्रकार वृक्ष नदी किनारे मिट्टी के कटाव को रोकते हैं, प्रदूषण को कम करते हैं और ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाते हैं। इस पावन अवसर पर राष्ट्रीय सह संपर्क प्रमुख नारायण प्रकाश के नेतृत्व में प्रांत संरक्षक तेजोराज पटवाल, कार्यवाहक प्रांत संयोजक उऋण सिंह, गंगा आश्रित प्रांत प्रमुख सुदीप जुगरान, वृक्षारोपण प्रांत प्रमुख शांतनु गोयल, गंगा वाहिनी प्रांत प्रमुख रेशु चौधरी, विजय रावत प्रदेश उपाध्यक्ष एस टी मोर्चा, और अन्य गंगा समग्र कार्यकर्ता उपस्थित रहे। इस महत्वपूर्ण अवसर पर भूपेंद्र भट्ट मौजूद रहे और उन्होंने वृक्षारोपण कार्यक्रम में भाग लिया।
हरेला पर्व उत्तराखंड में विशेष रूप से मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह पर्व न केवल प्रकृति और पर्यावरण के प्रति सम्मान को दर्शाता है, बल्कि इसे कृषि और वन संरक्षण के रूप में भी मनाया जाता है। हरेला पर्व के दौरान वृक्षारोपण का विशेष महत्व है क्योंकि यह पर्व वर्षा ऋतु की शुरुआत का प्रतीक होता है। इस अवसर पर वृक्षारोपण करने से पर्यावरण की सुरक्षा और वनस्पतियों का संरक्षण सुनिश्चित होता है।
उत्तराखंड की भूमि प्राकृतिक सुंदरता, पर्वतीय क्षेत्र और पवित्र नदियों के लिए जानी जाती है। यहाँ की नदियाँ, जैसे गंगा, यमुना, और उनकी सहायक नदियाँ, न केवल धार्मिक महत्व रखती हैं बल्कि जीवन का आधार भी हैं। इन नदियों के संरक्षण और उनके किनारे वृक्षारोपण का कार्य जलवायु परिवर्तन से निपटने में सहायक होता है और स्थानीय समुदाय को स्वच्छ जल और स्वस्थ वातावरण प्रदान करता है।
इस कार्यक्रम के माध्यम से गंगा समग्र उत्तराखंड ने न केवल पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाया, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाने के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। यह वृक्षारोपण अभियान न केवल पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को सशक्त करेगा, बल्कि स्थानीय समुदाय के बीच प्रकृति के प्रति सम्मान और प्रेम को भी बढ़ावा देगा।