विश्व को दिल्ली की धरोहर और संस्कृति से रूबरू कराने की तैयारी
नई दिल्ली । धरोहर समिति की हो रही बैठक में दुनिया के 142 देशों से आए अतिथि दिल्ली की धरोहर और संस्कृति से भी रूबरू होंगे। इसके लिए दिल्ली के…
नई दिल्ली । धरोहर समिति की हो रही बैठक में दुनिया के 142 देशों से आए अतिथि दिल्ली की धरोहर और संस्कृति से भी रूबरू होंगे। इसके लिए दिल्ली के प्रमुख स्थानों की मॉर्निंग वॉक की तैयारी की गई है। जिसके तहत शाहजहानाबाद, हौज खास और महरौली पुरातत्व पार्क, कुतुबमीनार, हुमायूं का मकबरा, सुंदर नर्सरी और दिल्ली हॉट प्रमुख रूप से शामिल हैं। इसके अतिरिक्त अतिथियों को दिल्ली के सभी प्रमुख स्मारकों का भ्रमण कराने की भी केंद्र सरकार की योजना है। दिल्ली में शुरू हो चुकी धरोहर समिति की बैठक में 150 के करीब देश शामिल हैं। एएसआइ के अनुसार, आने वाले अतिथि संस्कृति और धरोहर से जुड़े हैं, वे इसका महत्व समझते हैं। ऐसे में हमारे पास अपनी धरोहर को उनके सामने प्रदर्शित करने का पूरा मौका है। दिल्ली के इतिहास से जुड़े तीन बड़े इतिहासकारों में स्वप्ना लिडल, सुहैल हाशमी व बिक्रमजीत सिंह रूप राव जैसे नाम शामिल हैं। दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम को शाहजहानाबाद, हौज खास और महरौली पुरातत्व पार्क, कुतुबमीनार व दिल्ली हाट की जिम्मेदारी दी गई है। आगा खां ट्रस्ट द्वारा हुमायूं का मकबरा व सुंदर नर्सरी की वाक कराई जाएगी। साथ ही अन्य टीमें लाल किला, पुराना किला, सफदरजंग का मकबरा आदि का अतिथियों को भ्रमण कराएंगी। यह क्षेत्र एक समय शिक्षा के क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण केंद्र था। इस्लामी शिक्षा के लिए छात्र यहां मदरसे में आते थे। नाम ‘हौज खास’ स्वयं फारसी से लिया गया है, जहां ‘हौज’ का अर्थ है “पानी। “टैंक” या “झील” और ‘खास’ का अर्थ “शाही” है, इस प्रकार इसका अनुवाद होता है “रायल टैंक।” यहां आज भी विशाल झील मौजूद है। इसका निर्माण मूलतः अलाउद्दीन खिलजी ने करवाया था। यहां से सीरी किले के निवासियों को पानी की आपूर्ति की जाती थी।