ममता के गढ़ में सेंध लगाने के लिए उठी पश्चिम बंगाल के विभाजन की मांग? टीएमसी ने तरेरी आंखें
नई दिल्ली। बीते कई दशकों में पश्चिम बंगाल में टीएमसी यानी ममता बनर्जी की गहरी जड़ें जमीं हुई हैं। भाजपा के लाख प्रयासों के बाद भी टीएमसी का बाल बांका…
नई दिल्ली। बीते कई दशकों में पश्चिम बंगाल में टीएमसी यानी ममता बनर्जी की गहरी जड़ें जमीं हुई हैं। भाजपा के लाख प्रयासों के बाद भी टीएमसी का बाल बांका भी नहीं हुआ है। इसके लिए उसने एक नया प्लान बनाया है। भाजपा के पश्चिम बंगाल अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने बुधवार को कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राज्य के उत्तरी हिस्सों को नॉर्थ ईस्ट में शामिल करने का अनुरोध किया है। क्योंकि दोनों में ‘कई समानताएं’ हैं। इस पर राज्य में सत्तारूढ़ टीएमसी ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई। उसने भाजपा को ‘अलगाववादी’ करार दिया और उस पर अपने राजनीतिक लाभ के लिए पश्चिम बंगाल को बांटने की कोशिश करने का आरोप लगाया। गौरतलब है कि 2021 में उत्तरी बंगाल के अलीपुरद्वार से तत्कालीन भाजपा सांसद जॉन बारला ने उत्तर बंगाल के लिए एक अलग राज्य का मुद्दा उठाया था। उन्होंने पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्सों को अलग करके एक अलग केंद्र शासित प्रदेश या राज्य बनाने की मांग की थी।
दिल्ली से जारी एक वीडियो बयान में मजूमदार ने कहा कि ‘मैंने प्रधानमंत्री से मुलाकात की और उत्तर बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों के बीच समानताओं को उजागर करने वाला एक प्रेजेंटेशन सौंपा। मैंने उनसे पश्चिम बंगाल के एक हिस्से उत्तर बंगाल को पूर्वोत्तर राज्यों में शामिल करने का अनुरोध किया।’ मजूमदार केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री भी हैं।उत्तर बंगाल के बालुरघाट से सांसद मजूमदार ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री उचित समय में प्रस्ताव पर फैसला लेंगे। अगर उत्तर बंगाल को नॉर्थ ईस्ट में शामिल किया जाता है, तो उसे केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ मिलेगा और अधिक विकास होगा। मुझे नहीं लगता कि राज्य सरकार को कोई आपत्ति होगी और वह सहयोग करेगी।’ हाल के दिनों में भाजपा नेताओं और सांसदों ने पश्चिम बंगाल से अलग उत्तर बंगाल को अलग राज्य बनाने की मांग उठाई है। साथ ही उत्तर बंगाल में भाजपा एक प्रमुख राजनीतिक ताकत है। हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में इसने उत्तर में सात लोकसभा सीटों में से पांच पर जीत हासिल की। 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने उत्तर बंगाल की सात में से छह सीटों पर जीत हासिल की थी।
भाजपा नेता के प्रस्ताव पर टीएमसी सांसद सुखेंदु शेखर रे ने कहा कि ‘यह एक केंद्रीय मंत्री की ओर से एक अलगाववादी कदम है। उन्होंने संविधान के तहत पद की शपथ का उल्लंघन किया है। उत्तर बंगाल पश्चिम बंगाल का अभिन्न अंग है। यहां तक कि पीएम के पास भी ऐसी असंवैधानिक और अवैध मांगों को स्वीकार करने का अधिकार नहीं है। यह पश्चिम बंगाल को विभाजित करने की भाजपा की एक नापाक साजिश है क्योंकि 2011 से राज्य में सभी चुनावों में उसे अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा है।’ टीएमसी प्रवक्ता रिजु दत्ता ने एक्स पर पोस्ट किया कि ‘बंगाल विरोधी, बंगाली विरोधी। भाजपा फिर से अपनी पुरानी चाल चल रही है… रेडक्लिफ के वंशजों को मैं साफ-साफ बता दूं। बंगाल का विभाजन पहले भी हो चुका है, जिससे लाखों लोगों को बहुत तकलीफ हुई, जिन्होंने अपना सब कुछ खो दिया… हम ऐसा दोबारा नहीं होने देंगे। हम बंगाल की संप्रभुता, अखंडता और सीमा की रक्षा के लिए अपने खून की आखिरी बूंद तक लड़ेंगे! बंगाल का फिर कभी विभाजन नहीं होगा।’