विभिन्न मांगों को लेकर बेरोजगार संघ का मुख्यमंत्री आवास कूच
देहरादून। कांस्टेबल भर्ती में आयु सीमा बढाने सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर उत्तराखण्ड बेरोजगार संघ ने मुख्यमंत्री आवास कूच किया। जिनको सचिवालय के समीप रोक दिया गया। जहां से…
देहरादून। कांस्टेबल भर्ती में आयु सीमा बढाने सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर उत्तराखण्ड बेरोजगार संघ ने मुख्यमंत्री आवास कूच किया। जिनको सचिवालय के समीप रोक दिया गया। जहां से एक प्रतिनिधिमंडल मुख्य सचिव से मिला और अपना मांग पत्र सौंपा।
आज यहां अपने पूर्व निर्धारित कार्यव्रQम के तहत उत्तराखण्ड बेरोजगार संघ के बैनर तले बेरोजगार युवा परेड ग्राउंड के समीप एकत्रित हुए। जहां से उन्होंने मुख्यमंत्री आवास के लिए कूच किया। जब वह सचिवालय के समीप पहुंचे तो पुलिस ने उनको बैरकेडिंग लगाकर रोक दिया। जहां पर पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच नोंक—झोंक हुई। जिसके बाद वह वहीं पर धरने पर बैठ गये। जिसके बाद बेरोजगार संघ का एक प्रतिनिधि मंण्डल मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूडी से मिलने के लिए गया जहां पर उन्होंने मुख्य सचिव को अपना मांग पत्र सौंपा। बेरोजगारों का कहना था कि उत्तराखंड पुलिस कांस्टेबल भर्ती में उम्र सीमा बढ़ाने, फॉरेस्ट गार्ड में उम्र सीमा बढ़ाने और यूपीसीएल और यूजीवीएनल टीजी 2 भर्ती सहित हजारों पदों पर विज्ञापन जारी नहीं करने को लेकर उत्तराखंड के बेरोजगारों में आव्रQोश है। उत्तराखडं बेरोजगार संघ के उपाध्यक्ष राम कंडवाल ने कहा कि इस कूच में प्रदेश भर के हजारों बेरोजगार छात्र एवं उनके अभिभावक सम्मिलित हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से दो साल पहले सीएम आवास में बातचीत हुई थी जिसमें उन्होंने कहा था कि आगामी पुलिस कांस्टेबल भर्ती में बेरोजगारों के हितों को देखते हुए उम्र ्रसीमा बढ़ा दी जाएगी, लेकिन अभी तक इसका शासनादेश जारी नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लाखों युवा बेरोजगार एक बार भी पुलिस कांस्टेबल भर्ती में सम्मिलित नहीं हो सके हैं क्योंकि भर्ती 7 साल बाद आई थी। उन्होंने कहा कि हमारे पड़ोसी राज्यों में हर साल पुलिस की भर्ती आयोजित की जाती है, इसके बावजूद भी उन राज्यों (उत्तर—प्रदेश और हिमाचल प्रदेश) ने अपने प्रदेश के युवाओं को तीन साल की छूट प्रदान की है, लेकिन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को प्रदेश के बेरोजगारों की कोई चिंता नहीं है। राम कंडवाल ने कहा कि लंबे समय से देखा जा रहा है कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग अब रिजल्ट जारी करने में बहुत देरी कर रहा है, जबकि घोटाले उजागर होने के बाद यही आयोग एक हफ्ते के अंदर रिजल्ट जारी कर रहा था अब यही आयोग 6 माह का समय क्यों लगा रहे हैं। इसके अतिरिक्त बेरोजगारों ने उत्तराखंड में आने वाली फॉरेस्ट गार्ड भर्ती में आयु सीमा 18 से 35 वर्ष किए जाने की भी मांग की है। कंडवाल ने कहा कि यूपीसीएल, पिटकुल और यूजीवीएनल टीजी 2 की भर्ती पिछले सात साल से नहीं हुई है जबकि इन विभागों में भर्ती के लिए लाखों बेरोजगार इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा बेरोजगार सचिवालय और अफसरों के दफ्तरों के चक्कर काटने में मजबूर हैं। उन्होंने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से कनिष्ठ सहायक, स्टेनो समेत जो अधियाचन उनके पास उपलब्ध हैं उनके विज्ञापन तत्काल जारी जल्द जारी करने का भी अनुरोध किया।