वसुंधरा राजे के पद, मद और कद के बयान ने बीजेपी में मचाई हलचल
जयपुर। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की बुआ वसुंधरा राजे ने बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के पदभार ग्रहण समारोह में पद-मद और कद…
जयपुर। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की बुआ वसुंधरा राजे ने बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के पदभार ग्रहण समारोह में पद-मद और कद का जिक्र किया तो बीजेपी में हलचल मचा गई। वसुंधरा राजे ने समारोह में इशारों ही इशारों में एक तीर से कई निशाने किए। राजे के बयान के बाद अभी तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है लेकिन राजे के बयान से माना जा रहा है कि बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं है। अभी भी अंदरखाने में ‘साइलेंट जंग’ चल रही है। यह जंग 5 विधानसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव में अपना असर दिखा सकती है।
जयपुर में बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में मदन राठौड़ के शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की मौजूदगी चर्चाओं में रही। इस समारोह में राजे ने पद-मद और कद का जिक्र कर बिना नाम लिए कई नेताओं पर हमला बोला। राजे की मौजूदगी और उनका भाषण राजनीति के गलियारों में चर्चा बना गया है। राजे ने मदन राठौड़ की तारीफ करते हुए कहा कि केन्द्रीय नेतृत्व ने सेवाभावी, सरल और ईमानदार नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। उन्हें राठौड़ पर विश्वास है। इसके साथ ही राजे ने कहा कि आपको सबको साथ लेकर चलना है लेकिन यह सबसे मुश्किल काम है।
वसुंधरा राजे ने कहा कि राजनीति में हर व्यक्ति के सामने तीन चीजें आती हैं। पद, मद और कद। पद और मद स्थाई नहीं होते लेकिन कद स्थाई होता है। राजनीति में यदि किसी को पद का मद आ जाए तो फिर उसका कद कम हो जाता है। आजकल लोगों को पद का मद आ ही जाता है। उन्होंने कहा कि उनकी नजर में सबसे बड़ा पद है जनता की चाहत। इस दौरान राजे की दर्द भी सामने आया। उन्होंने कहा कि राजनीति का दूसरा नाम है उतार-चढ़ाव है। हर व्यक्ति को इस दौर से गुजरना पड़ता है। बहरहाल मदन राठौड़ के पदभार संभालने के बाद उनकी पहली परीक्षा आने वाले विधानसभा उपचुनाव हैं। वह अंदरखाने चल रही जंग को खत्म कर पाएंगे या फिर जुबानी तीर यूं ही चलते रहेंगे।