Chief Minister Dr. Yadav ने तेजस में बैठकर खुद को गौरवान्वित महसूस किया
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज बेंगलुरू पहुँचते ही हिन्दुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड का निरीक्षण किया। उन्होंने स्वदेशी तकनीक से निर्मित लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट तेजस में बैठकर खुद को गौरवान्वित महसूस…
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज बेंगलुरू पहुँचते ही हिन्दुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड का निरीक्षण किया। उन्होंने स्वदेशी तकनीक से निर्मित लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट तेजस में बैठकर खुद को गौरवान्वित महसूस किया। मुख्यमंत्री ने एचएएल द्वारा निर्मित कई विमान एवं हेलीकॉप्टर के निर्माण एवं कार्य पद्धति को समझा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि एचएएल की देश में कई स्थानों पर यूनिट्स है। मध्यप्रदेश सरकार की मंशा है कि एचएलए द्वारा एयरोस्पेस एवं रक्षा में से किसी एक डेवलपमेंट विंग की प्रदेश में स्थापना हो। मध्यप्रदेश सरकार इसकी स्थापना के लिये भूमि सहित समस्त आधारभूत सुविधाएँ सिंगल विंडो से सारी कार्यवाही त्वरित गति से पूरी करवायेगा। यूनिट स्थापना के लिये एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की भी जायेगी, जिससे सम्पूर्ण प्रक्रिया आसानी से की जा सके।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव एचएएल के इक्विपिंग एवं फाइनल असेंबली का अवलोकन किया। उन्होंने एलसीए एयरक्राफ्ट के मैन्युफैक्चरिंग सीक्वेंस को समझा। साथ ही स्ट्रक्चरल, असेंबली, कपलिंग इक्विपिंग एवं टेस्टिंग के चरणों को जाना। मुख्यमंत्री डॉ. यादव एयरक्राफ्ट को जानने की उत्सुकता और गौरव के पल को महसूस करने के लिये स्वयं तेजस एयरक्राफ्ट में बैठे और उसकी सुरक्षा तथा मारक क्षमता की जानकारी ली।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ध्रुव हेलीकॉप्टर में बैठकर पायलट से हेलीकॉप्टर की खूबियों को जाना। उन्होंने एच.ए.एल. के अधिकारी एवं कर्मचारियों को स्वदेशी तकनीक से एयरक्राफ्ट एवं रक्षा उपकरण बनाने के लिये बधाई दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि एचएएल द्वारा स्वदेशी तकनीक से निर्मित विमान और सुरक्षा उपकरणों से भारतीय नौसेना की क्षमता में वृद्धि हुई, जो प्रत्येक भारतीय के लिये गौरव का विषय है। साथ ही विजिटर बुक में एंट्री भी की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को एच.ए.एल. के चेयरमेन और मैनेजिंग डायरेक्टर श्री सी.बी. कृष्ण अनंत तेजस लड़ाकू विमान की प्रतिकृति सम्मान स्वरूप भेंट की।
एचएएल भारत सरकार का सार्वजनिक क्षेत्र का विशिष्ट उपक्रम है। इस उपक्रम में एयरोनॉटिकल एवं रक्षा क्षेत्र में उपयोगी उत्पादों का निर्माण किया जाता है। यह स्वदेशी सैन्य तथा विमानों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान करता है।