‘बस बहुत हुआ, आप होंगी सेलिब्रिटी लेकिन गरिमा का ध्यान रखें’; जया बच्चन पर नाराज हुए सभापति धनखड़

नई दिल्ली ।   संसद के मानसून सत्र के दौरान एक बार फिर सभापति जगदीप धनखड़ और विपक्षी नेताओं के बीच तनातनी देखी गई। आज उच्च सदन की सदस्य जया बच्चन और…

‘बस बहुत हुआ, आप होंगी सेलिब्रिटी लेकिन गरिमा का ध्यान रखें’; जया बच्चन पर नाराज हुए सभापति धनखड़

नई दिल्ली ।   संसद के मानसून सत्र के दौरान एक बार फिर सभापति जगदीप धनखड़ और विपक्षी नेताओं के बीच तनातनी देखी गई। आज उच्च सदन की सदस्य जया बच्चन और उपराष्ट्रपति जया बच्चन आमने-सामने आ गए। जया बच्चन ने कहा कि मैं जया अमिताभ बच्चन यह बोलना चाहती हूं कि मैं कलाकार हूं। बॉडी लैंग्वेज समझती हूं और चेहरे की अभिव्यक्ति समझती हूं। सर! माफ कीजिएगा, आपका लहजा स्वीकार्य नहीं है। भले ही आप आसन पर बैठे हैं, लेकिन हम आपके साथी हैं।'  इस पर सभापति धनखड़ ने सख्त लहजे में कहा, 'जया जी, कृपया अपने स्थान पर बैठिए। आपने अपनी एक प्रतिष्ठा बनाई है। आप जानती हैं कि अभिनेता निर्देशक के अनुसार काम करता है। आपने वह चीजें नहीं देखी हैं, जो मैंने यहां इस आसन पर बैठकर देखी हूं। आप मेरे लहजे के बारे में बात कर रही हैं? बस बहुत हुआ। आप होंगे सेलिब्रिटी, लेकिन आपको यहां सदन की गरिमा का ध्यान रखना होगा।'

इसके बाद राज्यसभा सदस्य जया बच्चन ने बाद में मीडिया से बातचीत में कहा, ''वो डांटने वाले कौन होते हैं, मैं यह स्वतंत्रता किसी और को नहीं दे सकती। मेरे साथ अपमानजनक बर्ताव हुआ। वहां लहजा खराब है, कितना हम सहन करें? सत्तापक्ष के लोग कुछ भी बोलते हैं, उस पर हम कुछ कहें तो कहा जाता है कि चैम्बर में आकर बात करें। हम चैम्बर में क्यों जाएं? वहां फ्लोर पर ही बात होनी चाहिए।'' जया बच्चन ने कहा, ''वो बुद्धिहीन जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। वो कहते हैं कि आप होंगी सेलिब्रिटी, हम परवाह नहीं करते। मत कीजिए परवाह, मैं सेलिब्रिटी नहीं, राज्यसभा सदस्य की हैसियत से यहां हूं। …अब आगे हमारे विपक्ष के नेता जो कहेंगे, हम वही करेंगे।'' जया बच्चन ने कहा, 'मैंने अध्यक्ष द्वारा इस्तेमाल किए गए लहजे पर आपत्ति जताई। हम स्कूली बच्चे नहीं हैं। हममें से कुछ तो बहुत ही वरिष्ठ हैं। मैं उनके लहजे से परेशान थी और खासकर जब विपक्ष के नेता बोलने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने माइक बंद कर दिया। आप ऐसा कैसे कर सकते हैं? आपको विपक्ष के नेता को बोलने की अनुमति देनी होगी। मेरा मतलब है कि हर बार असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल करना, जो मैं आप सभी के सामने नहीं कहना चाहती। मैं कह रही हूं कि मैं संसद की सदस्य हूं। यह मेरा पांचवां कार्यकाल है। मैं जानती हूं कि मैं क्या कह रही हूं। इन दिनों संसद में जिस तरह से बातें की जा रही हैं, वैसा पहले कभी किसी ने नहीं बोला। मैं माफी चाहती हूं।

सभापति ने फोगाट मामले में चर्चा की मांग खारिज की

इससे पहले जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस के सदस्य मोहम्मद नदीमुल हक के उस नोटिस को खारिज कर दिया, जिसमें पेरिस ओलंपिक में भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट को अयोग्य ठहराए जाने के मुद्दे पर चर्चा की मांग की गई थी। धनखड़ ने कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर हक की ओर से नियम 267 के तहत नोटिस मिला है।

नियमों का दिया हवाला

धनखड़ ने कहा कि मैंने आप से संपर्क करने की कोशिश की। मेरे कार्यालय ने आपसे संपर्क किया। आपने अपनी असमर्थता जाहिर की। मैंने आपके नेता से बात की है। कृपया उनसे संपर्क करें। बदलाव के लिए मैं सदन में ऐसा कर रहा हूं। इस तरह के नोटिस पर वह तभी विचार करेंगे, जब उन तक सुबह 10 बजे की समयसीमा के भीतर नोटिस पहुंचा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह नियमों के अनुरूप नहीं है, इसलिए इसे मंजूरी नहीं दी जाती है।