90 साल बाद सावन के अंतिम सोमवार पर ग्रहों का अद्भुत महासंयोग, हर मनोकामना होगी पूरी!
सनातन धर्म में सावन के महीने का विशेष महत्व माना जाता है.यह महीना भगवान शिव को समर्पित होता है.सावन के चार सोमवार बीत चुके है और पांचवा और अंतिम सोमवार…
सनातन धर्म में सावन के महीने का विशेष महत्व माना जाता है.यह महीना भगवान शिव को समर्पित होता है.सावन के चार सोमवार बीत चुके है और पांचवा और अंतिम सोमवार आने वाला है.सावन के अंतिम सोमवार पर ग्रह,नक्षत्रों का अद्भुत संयोग बन रहा है.जो सावन के अंतिम सोमवार को और भी शुभ और फलदायी बना रही है.
काशी के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पण्डित संजय उपाध्याय ने बताया कि सावन के अंतिम और पांचवें सोमवार के दिन कुल 4 शुभ योग बन है.इस दिन श्रवण नक्षत्र के साथ सौभाग्य और सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है.इसके अलावा इस दिन पूर्णिमा तिथि भी है.करीब 90 साल बाद सावन के सोमवार के दिन यह सभी महासंयोग बन रहे है.जिसमें भगवान शिव की पूजा और साधना से हर मनोकामना पूरी होगी.
पूरे दिन शुभ योग
वैदिक पंचांग के अनुसार,19 अगस्त को सुबह 5 बजकर 46 मिनट तक सौभाग्य योग है. इसके अलावा पूरे दिन पूर्णिमा तिथि और श्रवण नक्षत है.श्रवण नक्षत्र से ही सावन महीने की उत्पत्ति हुई है.
शनि पीड़ा से मिलेगी मुक्ति
इन सब के अलावा इस दिन शनि पीड़ा से मुक्ति पाने के लिए भी शुभ योग है. इस दिन शनि के राशि में चंद्रमा का भ्रमण होगा.ऐसे में जो शनि पीड़ा से परेशान है उन्हें इस दिन काला तिल और चावल शिवलिंग पर अर्पित करके भगवान शिव की विधिवत पूजा अर्चना करनी चाहिए. इससे शनि ग्रह का दोष कम होता है.
इस समय बांधेंगे राखी
इस दिन रक्षाबंधन का त्योहार भी है.रक्षाबंधन के दिन भद्रा भी लग रहा है.भद्राकाल का समय दोपहर 1 बजकर 24 मिनट तक है.ऐसे में इस दिन 1 बजकर 24 मिनट के बाद भाइयों के कलाई पर राखी बांधनी चाहिए.