बिजली चोरी और लाइन लॉस रोकने का प्लान

भोपाल । प्रदेश की बिजली कंपिनयों के लिए बिजली चोरी और लाइन लॉस बड़ी समस्या बन गया है। इस समस्या से निजात पाने के लिए प्लान बनाया गया है इसके…

बिजली चोरी और लाइन लॉस रोकने का प्लान

भोपाल । प्रदेश की बिजली कंपिनयों के लिए बिजली चोरी और लाइन लॉस बड़ी समस्या बन गया है। इस समस्या से निजात पाने के लिए प्लान बनाया गया है इसके तहत अब  बिजली चोरी वाले क्षेत्रों में इंसुलेटेड लाइन डाला जाएगा। बिजली लाइनें इंसुलेटेड होने से इनमें किसी पेड़ की डाल टकराने या अन्य टकराहट से फॉल्ट की स्थिति खत्म होगी। सीधी हेकड़ी या कटिया से भी चोरी नहीं हो सकेगी। वहीं अंडर ग्राउंड केबल भी बिछाई जाएगी। वहीं मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्य क्षेत्र में अब स्मार्ट मीटर लगाए जाने का काम भी शुरू हो चुका है। बिजली कंपनी को भोपाल में 2 लाख 8 हजार स्मार्ट मीटर अक्टूबर तक लगाने हैं। हर महीने 54 हजार मीटर लगाए जाने का टारगेट है। साल 2026 तक 11 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यक्षेत्र के अंतर्गत लगाए जाएंगे। स्मार्ट मीटर पर बिजली कंपनी 4688 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
बताया जाता है कि लाइन लॉस, बिजली चोरी और घाटे को कम करने बिजली कंपनियां अपना इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत करेंगी। इसके लिए आरडीएसएस (पुनर्वोत्थान वितरण क्षेत्र सुधार योजना) के तहत मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को 3259 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं। बिजली कंपनी को बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए जरूरी काम इस राशि से दो साल में करना होंगे। गौरतलब है कि प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियां घाटे में चल रही हैं। इसके चलते हर साल बिजली कंपनियां टैरिफ में इजाफा कर देती हैं। इस घाटे को कम करने के निर्देश विद्युत विनियामक आयोग भी दे चुका है। अब इसके लिए भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय ने भी राशि स्वीकृत कर दी है। इसके तहत बिजली कंपनियों को लाइन लॉस कम करने के सभी जरूरी उपाय करना होंगे।
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को इसके लिए 3 हजार करोड से अधिक की राशि स्वीकृत हो चुकी है। दावा किया जा रहा है कि बिजली कंपनी ने योजना के अंतर्गत काम शुरू कर दिए हैं। अगले दो साल में बिजली सप्लाई व्यवस्था पूरी तरह से बदल जाएगी। इसके तहत अंडर ग्राउंड केबल भी बिछाई जा रही है। इससे बिजली चोरी रुक जाएगी। प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियों को इस योजना के तहत फेस-1 में लॉस रिडक्शन योजनांतर्गत कैपेसिटर, नए 33/11 केवी सब स्टेशन, नए अतिरिक्त पीटीआर, क्षमता वृद्धि पीटीआर, फीडर विभक्तिकरण, 33 केवी एवं 11 केवी फीडर के संबंधित कार्य करना होंगे। इसके अलावा एलटी लाइन और अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर के कार्य किए जाएंगे। फेस-1 में लॉस रिडक्शन अंतर्गत 83 नए सब स्टेशन में से 30 नए 33/11 केवी सब स्टेशन के काम पूरो हो चुके हैं और 33/11 केबी के 32 सब स्टेशनों बनाए जा रहे है। प्रदेश की बिजली कंपनियों को विद्युत विनियामक आयोग ने साल 2026-27 तक 15 फीसदी तक लाइन लॉस कम करने का टारगेट दिया है। इस समय सबसे ज्यादा 27.40 फीसदी लाइन लॉस पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी का है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी का लाइन लाइन लॉस 24.67 फीसदी है। तीनों बिजली कंपनियों को अपना लाइन लॉस कम करना है।
भोपाल शहर में कंपनी के लगभग 355 फीडर हैं। इनमें से 75 फीडरों पर लगभग 40 प्रतिशत लाइन लास होता है। शहर में बिजली चोरी, लाइन फाल्ट सहित अन्य समस्याओं को खत्म करने के लिए जल्द ही इंसुलेशन वाली लाइन डाली जाएगी। इसकी तैयारी मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने शुरू कर दी है। कंपनी द्वारा शहर के 500 से अधिक क्षेत्रों में लाइन डालने का काम शुरू करने की तैयारी है। कंपनी द्वारा यदि इस काम को पूरा कर लिया गया तो पेड़ की डाल टकराने या अन्य टकराहट से फाल्ट जैसी समस्याओं का समाधान हो जाएगा।इसके अलावा लोग सीधे तौर पर तार डालकर बिजली चोरी नहीं कर सकेंगे। इंसुलेशन लाइन डालने का काम सबसे पहले पुराने शहर में शुरू होगा और 60 प्रतिशत काम यही होना है। बिजली कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि मई के महीने में तेज गर्मी होने के साथ बिजली की खपत बढ़ गई थी । सामान्य दिनों में 280 मेगावाट के आसपास रहने वाली खपत 325 पर पहुंच गई थी। यूनिट की बात करें तो बिजली की रोजाना की खपत 75 लाख यूनिट से बढकऱ 95 लाख यूनिट हो गई थी। यह खपत अब भी निरंतर जारी है।
राजधानी भोपाल में स्मार्टमीटर लगाने के साथ ही नए नियम भी तय किए जा रहे हैं। मप्र विद्युत नियामक आयोग ने इसके लिए एसओपी बनाई है। मंजूरी मिलने के बाद लोगों को स्मार्ट मीटर से जुड़ी सुविधाओं को लाभ मिलेगा। प्रस्तावित एसओपी के अनुसार उपभोक्ताओं को मनचाही कंपनी से बिजली लेने का अधिकार मिलेगा। फिलहाल, शहर में मध्यक्षेत्र ही बिजली आपूर्ति कर रही है, लेकिन नए बिजली एक्ट के तहत वितरण में निजी कंपनियों की भागीदारी बढ़ाई जाएगी। ऊर्जा विभाग के एसीएस मनु श्रीवास्तव का कहना है कि स्मार्ट मीटर स्थापित होने के साथी आगे कैसे काम होगा, इसके लिए नियामक आयोग एसओपी तय कर रहा है। इसमें सभी आशंकाएं-शंकाएं दूर होंगी। उपभोक्ताओं के अधिकार तय होंगे। शहर में 2.89 लाख स्मार्ट मीटर की स्थापना शुरू की जा रही है। इस माह आदिन तक 60 हजार मीटर का बड़ा स्टॉक मिलेगा, जितसे इनकी स्थापना में तेजी आएगी। अभी सरकारी कार्यालयों पर पायलट प्रोजेक्ट के तहत इन्हें स्थापित कर मॉनीटरिंग की जा रही है। शहर में मीटर स्थापित करने के लिए 3 कंपनियों को काम दिया है।