मध्यप्रदेश से जॉर्ज कुरियन जा सकते हैं राज्यसभा, कल है नामांकन का आखिरी दिन

भोपाल ।  केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के लोकसभा जाने से उनकी राज्यसभा सीट खाली हो गई है। इसके लिए तीन सितंबर को मतदान होगा। नामांकन का अंतिम दिन बुधवार यानी 21…

मध्यप्रदेश से जॉर्ज कुरियन जा सकते हैं राज्यसभा, कल है नामांकन का आखिरी दिन

भोपाल ।  केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के लोकसभा जाने से उनकी राज्यसभा सीट खाली हो गई है। इसके लिए तीन सितंबर को मतदान होगा। नामांकन का अंतिम दिन बुधवार यानी 21 अगस्त है। भाजपा की ओर से केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन का नाम लगभग तय है। जल्द ही इसकी औपचारिक घोषणा होने की उम्मीद है। यदि कांग्रेस ने उम्मीदवार नहीं उतारा तो कुरियन के राज्यसभा जाने में कोई अड़चन नहीं रह जाएगी। भाजपा सूत्रों के मुताबिक, कुरियन को यदि किसी कारण से मध्यप्रदेश से नहीं भेजा गया तो पंजाब से केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू को भी राज्यसभा भेजा जा सकता है। इस सीट पर पूर्व सांसद केपी यादव का नाम भी लिया जा रहा था, जिन्हें पार्टी ने गुना-शिवपुरी सीट से टिकट न देकर कांग्रेस से आए सिंधिया को दिया था। 2019 में यादव ने ही सिंधिया को शिकस्त दी थी। पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, जयभान सिंह पवैया के साथ ही कुछ अन्य नामों पर भी चर्चा चल रही थी। पार्टी सूत्रों का दावा है कि बाहरी उम्मीदवार का जाना लगभग तय है। 21 अगस्त तक नामांकन होगा। इसके बाद जरूरत पड़ने पर तीन सितंबर को मतदान और मतगणना होगी। 

कौन हैं जॉर्ज कुरियन

जॉर्ज कुरियन केरल से आते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में वह फिलहाल मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी और अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री हैं। कुरियन ने प्रधानमंत्री के साथ ही शपथ ली थी। भाजपा महासचिव और केरल के नेता जॉर्ज कुरियन को संगठन में मजबूत नाम है। उन्होंने केरल जैसे राज्य में पार्टी के लिए लंबे अरसे तक काम किया है। 1980 के दशक में जब समाजवादियों का एक समूह जनता दल छोड़कर भाजपा में शामिल हुआ था, तब कुरियन भी महज 19 साल की उम्र में भाजपा से जुड़े थे।

कोट्टायम के एक छोटे से गांव कनककारी के एक ईसाई परिवार से आते हैं। चार दशकों से केरल में पार्टी का काम कर रहे हैं। कई पदों पर रहे हैं। राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सदस्य रहने के साथ ही युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष भी रहे हैं। जब मोदी केरल में दौरे पर थे, तब कुरियन ही उनके भाषण को मलयालम में ट्रांसलेट करते थे।