भारत-पोलैंड संबंधों में गुजरात की भूमिका इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है : मुख्यमंत्री
गांधीनगर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 और 22 अगस्त को पोलैण्ड देश की यात्रा पर हैं। प्रधानमंत्री ने अपने इस दो दिवसीय दौरे पर आज पोलैण्ड के वॉरसॉ में गुजरात…
गांधीनगर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 और 22 अगस्त को पोलैण्ड देश की यात्रा पर हैं। प्रधानमंत्री ने अपने इस दो दिवसीय दौरे पर आज पोलैण्ड के वॉरसॉ में गुजरात के नवानगर के जामसाहब दिग्विजयसिंह रणजीतसिंहजी जाडेजा के सम्मान में बने स्मारक “स्क्वायर ऑफ गुड महाराजा” के दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने प्रधानमंत्री जी की इस यात्रा का स्वागत करते हुए ट्वीट में लिखा कि भारत-पोलैंड संबंधों में गुजरात की भूमिका इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है। प्रधानमंत्री के इस दौरे से भारत और पोलैंड के रिश्ते और अधिक मजबूत होंगे। गुजरात सरकार के प्रवक्ता मंत्री ऋषिकेश पटेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पोलैण्ड यात्रा को गुजरात और पूरे देश के लिए गौरवपूर्ण क्षण बताया और कहा कि उनकी यह यात्रा “विकास भी और विरासत” के मंत्र को सार्थक करती है। प्रवक्ता मंत्री ने आगे कहा कि वारसॉ में जामसाहब के नाम पर “स्क्वायर ऑफ गुड महाराजा” स्मारक के अलावा पोलैण्ड में कुछ स्कूलों और सड़कों के नाम भी जामसाहब दिग्विजयसिंह जडेजा की स्मृति में रखे गए हैं। मंत्री ने भारतीय संस्कृति और भारत की वसुधैव कुटुम्बकम के आदर्श विचार के संदर्भ में जामसाहब के योगदान को स्मरण करते हुए कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जामसाहब दिग्विजयसिंह जडेजा जी ने लगभग 600 पोलिश बच्चों को अपने राज्य में आश्रय दिया था। साथ ही, उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया था कि सभी आश्रित पोलिश बच्चों को जीवन से जुड़ी सभी बुनियादी आवश्यकताएँ जैसे अच्छे आवास, उत्कृष्ट शिक्षा और पौष्टिक भोजन प्राप्त हों। विश्व युद्ध समाप्त होने के बाद जामसाहब ने सभी बच्चों को वापस पोलैण्ड भेज दिया। मंत्री ऋषिकेष पटेल ने कहा कि जामसाहब दिग्विजय सिंह जाडेजा के सद्भाव से युक्त कृत्य आज पूरे भारत और गुजरात के लिए एक चिर स्थायी व गौरव से परिपूर्ण स्मृति बन गई है।