भाजपा और शिंदे सेना की जंग- वक्त आने दो…जवाब भी देंगे, हिसाब भी लेंगे
मुंबई। सिंधुदुर्ग जिले के कंकावली में शिवसेना दफ्तर के बाहर लगे एक बैनर पर लिखा है, वक्त आने दो, जवाब भी देंगे और हिसाब भी लेंगे। इस बैनर पर शिवसेना…
मुंबई। सिंधुदुर्ग जिले के कंकावली में शिवसेना दफ्तर के बाहर लगे एक बैनर पर लिखा है, वक्त आने दो, जवाब भी देंगे और हिसाब भी लेंगे। इस बैनर पर शिवसेना कोटे से शिंदे सरकार में मंत्री उदय सामंत और उनके भाई किरण सामंत की तस्वीरें लगाई गई हैं। ये दोनों इसी जिले के वासी हैं। उदय सामंत रत्नागिरी से लगातार चार बार के विधायक हैं। किसे जवाब देंगे और किससे हिसाब लेंगे ये स्पष्ट नहीं है लेकिन महाराष्ट्र में सत्ताधारी गठबंधन की तनातनी खबरें जरुर आ रहीं हैं। पहले अजित पवार की एनसीपी और भाजपा के बीच मनमुटाव की बातें सामने आईं और अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना और भाजपा के बीच तकरार छिड़ी है। नतीजा ये हुआ कि राज्य के सिंधुदुर्ग जिले के कंकावली में जगह-जगह लगाए गए बैनर दोनों घटक दलों के बीच अंदरखाने चल रही खींचतान की कहानी बयां कर रहे हैं।
दरअसल, लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी और शिंदे गुट के बीच दरार चौड़ी हो गई है। पहले तो सामंत बंधु चाहते थे कि रत्नागिरी सिंधुदुर्ग लोकसभा सीट उनके पास रहे लेकिन भाजपा ने वहां से तत्कालीन केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को उतार दिया। राणे के बेटे नीलेश राणे का आरोप है कि सामंत बंधुओं ने क्षेत्र में मदद नहीं की। हालांकि, नारायण राणे वहां से जीतने में कामयाब रहे।माना जा रहा है कि इस बैनर के जरिए शिवसेना ने राणे को चेतावनी देने की कोशिश की है। एबीपी माझा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस बैनर की चर्चा पूरे जिले में है और कई तरह के तर्क दिये जा रहे हैं। बैनर पर बाला साहब ठाकरे और सीएम एकनाथ शिंदे की तस्वीर भी छापी गई है और एक बड़ा बाघ भी दिखाया गया है। इसके अलावा, बैनर में उदय सामंत और किरण सामंत की बड़े आकार की तस्वीरें हैं। इसके बाद कंटेंट में शिवसेना सिंधुदुर्ग जिला पदाधिकारी और शिवसैनिक लिखा गया है।
एनडीए को 48 में से मात्र 17 सीटें मिली थीं
बता दें कि लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र में एनडीए बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सकी है। राज्य की कुल 48 सीटों में से एनडीए ने 17 सीटें जीती हैं, जबकि यूपीए ने 30 और एक सीट निर्दलीय ने जीती है। चुनाव परिणाम आने के बाद एनडीए गठबंधन में पहली चिंगारी रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग निर्वाचन क्षेत्र में ही भड़की थी, जब नवनिर्वाचित सांसद नारायण राणे के बेटे और पूर्व सांसद नीलेश राणे ने उदय सामंत पर आरोप लगाया कि पालक मंत्री होने के बावजूद उदय सामंत जिले में नारायण राणे को बढ़त क्यों नहीं दिला सके। राणे ने यह भी कहा था कि वह सामंत बंधुओं के व्यवहार को कभी नहीं भूलेंगे। राणे ने आरोप लगाया कि उदय सामंत के विधानसभा क्षेत्र रत्नागिरी में हम माइनस में रहे। ऐसे में उन्हें यह बात बतानी चाहिए कि हमें लीड क्यों नहीं दिला सके। नीलेश राणे ने सामंत बंधुओं पर जमकर निशाना साधा और आरोप लगाया कि पालक मंत्री होने के बावजूद उदय सामंत जिले में हमें नेतृत्व दिला पाने में नाकाम रहे। राणे ने कहा कि उदय सामंत रत्नागिरी के संरक्षक मंत्री हैं। अभिभावक मंत्री के तौर पर उन्हें जो करना चाहिए था, वह उन्होंने नहीं किया।