लखीमपुर खीरी में गांव को बचाने के लिए कराया जा रहा कटान रोधी कार्य, ग्रामीणों का पलायन शुरू
लखीमपुर खीरी लखीमपुर खीरी के धौरहरा क्षेत्र में माथुरपुर-सुजानपुर, कुर्तैहिया गांवों को बचाने की परियोजना कटने से माथुरपुर गांव का वजूद खतरे में पड़ गया है। गांव के 400 परिवार…
लखीमपुर खीरी
लखीमपुर खीरी के धौरहरा क्षेत्र में माथुरपुर-सुजानपुर, कुर्तैहिया गांवों को बचाने की परियोजना कटने से माथुरपुर गांव का वजूद खतरे में पड़ गया है। गांव के 400 परिवार मुश्किल में हैं। ग्रामीणों ने पलायन शुरू कर दिया है। हालांकि बाढ़ खंड तेजी से कटान रोधी कार्य करने में जुटा है। बचाव कार्य की निगरानी एसडीएम खुद कर रहे हैं।
धौरहरा तहसील के ब्लॉक रमियाबेहड़ के गांव माथुरपुर, सुजानपुर, कुर्तैहिया गांवों को बाढ़ व कटान से बचाने के लिए पांच करोड़ रुपये से बाढ़ खंड ने बांध बनाया था। यह परियोजना पहली बारिश में ही घाघरा नदी के बहाव में बह गई।
कटान रोधी कार्य में जुटे 200 मजदूर
बांध कटने से माथुरपुर गांव के चार सौ परिवार मुश्किलों में घिर गए हैं। ग्रामीणों अपने घरों को तोड़कर जरूरी सामान लेकर पलायन कर रहे हैं। उधर, गांव को बचाने के लिए बाढ़ खंड 200 मजदूरों और छह जेसीबी लगाकर कटान रोधी कार्य तेज किया है।
निगरानी में एसडीएम राजेश कुमार, तहसीलदार आदित्य विशाल, नायब तहसीलदार व राजस्व टीम लगी है। एसडीएम राजेश कुमार ने बताया कि वह खुद दो दिन से गांव में रात रूककर कटान रोधी कार्य देख रहे हैं। बाढ़ खंड अधिकारी भी रात भर बचाव कार्य करा रहे हैं। एक्सईएन बाढ़ खंड शारदा नगर अजय कुमार ने बताया कि गांव को बचाने के लिए वृहद स्तर पर कटान रोधी कार्य हो रहा है। बहाव तेज होने से परेशानी हो रही है।
शारदा नदी में समाई फसलों सहित जमीन
टहारा ग्राम पंचायत और आंशिक सोहरिया गांव के सिरसी नकहिया, लौखनिया जटपुरवा और भूलनपुर के करीब 70 किसानों की 120 एकड़ जमीन फसलों समेत नदी में समा चुकी है। इसकी सूचना के बाद भी इस गांव में कोई बचाव कार्य शुरू नहीं हुआ। ग्रामीण विनोद कुमार, संजय कुमार, बनवारी लाल, बिश्वभर, गार्गी प्रसाद आदि ने बताया कि सूचना के बाद भी अब तक कोई अधिकारी गांव नहीं पहुंचा।