दो साल से खाली पड़े हैं एल्डरमैन के 12 पद
भोपाल । प्र्रदेश भाजपा की बैठक के बाद दो साल से खाली पड़े एल्डरमैन के 12 पदों पर नियुक्ति की आस जागी है। पहले भोपाल जैसे नगर निगम में मात्र…
भोपाल । प्र्रदेश भाजपा की बैठक के बाद दो साल से खाली पड़े एल्डरमैन के 12 पदों पर नियुक्ति की आस जागी है। पहले भोपाल जैसे नगर निगम में मात्र 6 पद एल्डरमैन के लिए होते थे, लेकिन इन्हें बढ़ाकर 12 कर दिया गया था। एल्डरमैन के लिए कई ऐसे नेता कतार में हैं, जो निगम चुनाव में टिकट के प्रबल दावेदार थे, लेकिन पार्टी ने टिकट नहीं दिया। वहीं कई वरिष्ठ भाजपा नेता भी एल्डरमैन के लिए दावेदारी कर रहे हैं।
पूरे प्रदेश में 16 नगर निगम, 99 नगरपालिका और 298 नगरपालिका परिषद हैं। इन सभी में एल्डरमैन मनोनीत किए जाएंगे। नगर निगमों में 12-12 एल्डरमैन का मनोनयन होना है। पहले इनकी संख्या 6 रहती थी, लेकिन इसे दोगुना कर दिया गया है, जबकि नगर पालिका में 4 की जगह 6 और नगर परिषद में 2 के स्थान पर 4 एल्डरमैन नियुक्त किए जाएंगे। सत्तापक्ष द्वारा ये नियुक्तियां की जाती हैं। इसके पहले भी भोपाल नगर निगम में एल्डरमैन रहे हैं, लेकिन 2022 में नगर निगम में भाजपा की परिषद बनने के बाद इसे टाला जा रहा था।
भाजपा की बैठक में इसको लेकर हरी झंडी मिल गई है और जल्द ही एल्डरमैन की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू होना है। इसको लेकर दावेदारों में हलचल बढ़ गई है। हालांकि ये नाम संगठन की ओर से ही दिए जाएंगे, इसलिए अपने-अपने समर्थकों को एल्डरमैन बनाने के लिए नेता दम भी लगाएंगे। वहीं पिछले निगम चुनाव में किसी न किसी कारण से टिकट से वंचित रहे भाजपा नेता और वरिष्ठ नेताओं में से एल्डरमैन मनोनीत किए जा सकते हैं। प्रक्रिया कब से शुरू होगी, इसको लेकर अभी कोई तारीख तय नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि अब जब ऊपर से ही हरी झंडी मिल गई है तो जल्द ही सबकुछ तय हो जाएगा।
प्रदेश में अधिकांश निगम, मंडल और बोर्ड खाली पड़े हैं। एक समय था, जब नेताओं का बड़े निगम-मंडलों में बोलबाला हुआ करता था। कई आयोग भी खाली पड़े हैं, जिन पर अध्यक्षों की नियुक्ति की जाना है। वहीं भोपाल विकास प्राधिकरण अध्यक्ष सहित अन्य पद भी खाली पड़े हैं। इस पर भी अध्यक्ष सहित संचालक मंडल की नियुक्ति की जाना है। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार निगम-मंडलोंं के खाली पदों पर भी जल्द नियुक्ति करेगी। भोपाल में प्राधिकरण अध्यक्ष के लिए कई दावेदार हैं तो संचालक मंडल में आने के लिए भी कई भाजपा नेता आतुर हैं। इनमें कांग्रेस छोडक़र भाजपा में आए कई नेता शमिल हैं।