गुजरात: कच्छ में रहस्यमयी बुखार से 15 मौतें, टेस्ट के लिए भेजे गए सैंपल
गुजरात के कच्छ जिले में रहस्यमयी बुखार से हड़कंप मच गया है. इस जिले में भारी बारिश के कारण क्षेत्र में फैले रहस्यमयी बुखार ने और विकराल रूप ले लिया…
गुजरात के कच्छ जिले में रहस्यमयी बुखार से हड़कंप मच गया है. इस जिले में भारी बारिश के कारण क्षेत्र में फैले रहस्यमयी बुखार ने और विकराल रूप ले लिया है. ये बेहद ही जानलेवा साबित हो रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस अज्ञात बीमारी के चलते लखपत तालुका में 15 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. इस स्थिति ने गुजरात के अधिकारियों के बीच काफी चिंता पैदा कर दी है.
मामले की जांच करने के लिए स्वास्थ्य अधिकारी और जिले के स्वास्थ्य आयुक्त मामलों पर निगरानी बनाए हुए हैं. अज्ञात बीमारी के बारे में ज्यादा जानकारी जुटाने के साथ स्वास्थ्य स्थिति में सुधार लाने के लिए संदिग्ध मामलों के नमूने को टेस्ट के लिए पुणे भेजा गया है.
स्वास्थ्य मंत्री रुशिकेश पटेल लखपत गांव का करेंगे दौरा
मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल स्थिति का आकलन करने के लिए लखपत गांव का दौरा करेंगे. इसके साथ ही वह स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे.
इस बैठक में उनके साथ शिक्षा राज्य मंत्री और कच्छ जिले के प्रभारी प्रफुल पनसेरिया भी होंगे. वे दोनों मिलकर लखपत और अब्दासा तालुका में संदिग्ध बुखार के मामलों की विस्तृत समीक्षा करेंगे. मंत्री पनसेरिया ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा, "बुखार के मामलों की बढ़ती संख्या एक गंभीर मुद्दा बन गई है. हम तत्काल एक्शन लेंगे. प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करते हुए लोगों की स्वास्थ्य स्थितियों का आकलन करेंगे."
न्यूमोनाइटिस से मिलते हैं इस बुखार के लक्षण
स्वास्थ्य मंत्री ने मौजूदा स्थिति पर चर्चा करने और प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए कच्छ जिला प्रशासन के साथ समीक्षा बैठक भी की. इस बुखार के लक्षण न्यूमोनाइटिस (Pneumonitis) से मिलते जुलते हैं, फिर भी रैपिड रिस्पांस टीम (RRT) मौतों का सही कारण जानने के लिए आगे की जांच कर रही है.
पशुपालन विभाग ने क्या कहा?
पशुपालन विभाग ने किसी भी जूनोटिक बीमारी (जो जानवरों से मनुष्यों में फैलती है) की संभावना से इनकार किया है, हालांकि सभी मृतक जाट मालधारी जनजाति के थे, जो गुजरात के सूखे इलाकों में रहने वाले एक पशुपालक समुदाय हैं.
गुजरात सरकार ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) से नमूनों की जांच विभिन्न प्रकार के रोगाणुओं के लिए करने का अनुरोध किया है, जिनमें क्रीमियन-कांगो हेमोरेजिक फीवर (सीसीएचएफ), स्क्रब टाइफस, चांदीपुरा वेसिकुलोवायरस (सीएचपीवी), जापानी इंसेफेलाइटिस और यहां तक कि प्लेग भी शामिल है.
स्वास्थ्य विभाग ने संक्रामक रोग के प्रकोप की संभावना को खारिज कर दिया है क्योंकि एक साथ कई लोगों में संक्रमण के मामले नहीं पाए गए हैं. स्वास्थ्य सर्वेक्षण में पहचाने गए 27 संपर्कों और लक्षण वाले व्यक्तियों में से, रैपिड रिस्पांस टीम को केवल दो मामले फाल्सीपेरम मलेरिया, दो मामले स्वाइन फ्लू और एक मामला डेंगू का मिला है.