AI के जमाने में पेजर हैक कर सीरियल ब्लास्ट करा रहा इजरायल, हिजबुल्लाह पर कैसे बरपाया कहर…
आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (एआई) के दौर में इजरायल ने एक पुरानी तकनीक के जरिए हिजबुल्लाह को हैरान कर दिया है। लेबनान में मंगलवार को हुए कई पेजर विस्फोटों ने आठ लोगों…
आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (एआई) के दौर में इजरायल ने एक पुरानी तकनीक के जरिए हिजबुल्लाह को हैरान कर दिया है।
लेबनान में मंगलवार को हुए कई पेजर विस्फोटों ने आठ लोगों की जान ले ली और लगभग 2700 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
हिजबुल्लाह ने एक बयान में कहा कि दोपहर 3:30 बजे उनके संगठन के पेजर रहस्यमय तरीके से फटने लगे। मगर सवाल यह है कि इजरायल ने हिजबुल्लाह के अंदर खौफ पैदा करने के लिए पेजर को ही क्यों चुना और आज के जमाने में जब मोबाइल फोन काफी उन्नत है, तब पेजर का इस्तेमाल क्यों किया जा रहा है।
पेजर एक पुरानी तकनीक है जो कई दशकों से इस्तेमाल हो रही है। यह एक छोटा और पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होता है जिसका मुख्य उद्देश्य शॉर्ट मैसेज या अलर्ट प्राप्त करना होता है।
कुछ मामलों में पेजर का उपयोग संदेश भेजने के लिए भी किया जाता है। यह डिवाइस रेडियो फ्रिक्वेंसी का उपयोग कर संदेश प्राप्त करता है और टेक्स्ट व नंबर को पेजर की स्क्रीन पर दिखाता है।
पेजर की कई किस्में होती हैं। न्यूमैरिक पेजर में केवल नंबर दिखाई देते हैं और इन्हें साधारण संचार के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
वहीं, अल्फान्यूमेरिक पेजर टेक्स्ट और नंबर दोनों को डिस्प्ले कर सकते हैं, जिससे अधिक विस्तृत संदेश भेजे जा सकते हैं। पेजर के घटते उपयोग के बावजूद, यह अभी भी कुछ विशेष उद्योगों में उपयोग किए जाते हैं।
खासकर स्वास्थ्य देखभाल और आपातकालीन सेवाओं में इनका उपयोग होता है। इसके अलावा खुफिया संदेश भेजने के लिए भी पेजर का उपयोग किया जाता रहा है।
हालांकि, मोबाइल फोन के आने के साथ पेजर का उपयोग काफी कम हो गया है। मोबाइल फोन कॉल्स, टेक्स्ट मैसेजेस और इंटरनेट एक्सेस जैसे सुविधाएं प्रदान करते हैं। इसके बावजूद पेजर का उपयोग कुछ विशेष परिस्थितियों में अभी भी किया जाता है।
लेबनान में हुए पेजर विस्फोट की घटना को लेकर हिजबुल्लाह के अज्ञात अधिकारी ने समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस (एपी) से कहा कि ये विस्फोट सुरक्षा ऑपरेशन का परिणाम हो सकते हैं। अधिकारी का कहना है कि इजरायल इस घटना के पीछे हो सकता है।
इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि हिजबुल्लाह के सदस्यों के पेजर में लिथियम बैटरी लगी हुई थी। लिथियम बैटरी गर्म होने की क्षमता के लिए जानी जाती है और यह धुआं पैदा कर सकती है, पिघल सकती है और आग पकड़ सकती है। ये बैटरियां आमतौर पर उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे कि मोबाइल फोन, लैपटॉप और इलेक्ट्रिक वाहनों में पाई जाती हैं।
इजरायली सर्विलांस से बचने के लिए हिज्बुल्लाह के लड़ाके पेजर जैसे कम्युनिकेशन सिस्टम का इस्तेमाल कर रहे थे, जिससे वे इजरायल की निगरानी से बच पाते थे।
हाल ही में हुए पेजर ब्लास्ट में, दावा किया जा रहा है कि हिज्बुल्लाह ने अल्फान्यूमेरिक पेजर्स खरीदे थे जो ताइवान की गोल्ड अपोलो कंपनी लिमिटेड द्वारा बनाए गए थे। इजरायली मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन्हीं पेजर्स में विस्फोट हुआ।
हिज्बुल्लाह ने धमाके के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है और इसे बड़ी सुरक्षा चूक माना है। इस घटना के बाद, हिज्बुल्लाह ने अपने लड़ाकों को पेजर का इस्तेमाल बंद करने की सलाह दी है।
पेजर ब्लास्ट के पीछे साइबर हमले की भी संभावना जताई जा रही है लेकिन फिलहाल न तो इजरायल ने इन आरोपों का खंडन किया है और न ही हिज्बुल्लाह ने कोई ठोस सबूत पेश किया है।
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